नैनीताल। पिछले कुछ समय से नैनीताल जिले के निजी विद्यालयों में छात्रों एवं अभिभावकों पर अत्यधिक शुल्क वसूली, कैपिटेशन फीस और महंगी पाठ्य पुस्तकों के दबाव की घटनाएँ आम हो गई थीं। इस मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष जोशी द्वारा लगातार इन मुद्दों को बाल संरक्षण आयोग, मानवाधिकार आयोग, शिक्षा विभाग, भी मुख्यमंत्री कार्यालय, उच्च न्यायालय सहित तमाम जगहों पर उठाया गया था।
परिणामस्वरूप अब, शिक्षा विभाग ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए नवीन शैक्षिक सत्र 2025-26 के आरंभ से पहले निजी विद्यालयों में चल रही अनुचित प्रथाओं के विरुद्ध विस्तृत निरीक्षण एवं कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
1 अप्रैल 2025 को, खण्ड शिक्षा अधिकारी, हल्द्वानी (नैनीताल) द्वारा एक विस्तृत कार्यालय आदेश (आदेश संख्या /01, /निजी विद्यालय-निरीक्षण-जॉच /2025-26) पीयूष जोशी की लगातार पैरवी पर जारी किया गया है। इस आदेश में बताया गया है कि नवीन शैक्षिक सत्र 2025-26 के आरंभ के साथ ही, उच्च न्यायालय में योजित रिट याचिका संख्या 3302/2017 (दिनांक 13 अप्रैल 2018) के अनुपालन में, सभी निजी विद्यालयों में केवल एनसीईआरटी/सीबीएसई पाठ्यक्रम आधारित पुस्तकों का प्रयोग अनिवार्य किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय में अन्य प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग किया जाता है, तो उनका मूल्य एनसीईआरटी पुस्तकों के समकक्ष होना चाहिए, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस दिशा में, विकासखण्ड हल्द्वानी के अंतर्गत निजी विद्यालयों का निरीक्षण करने हेतु एक समर्पित निरीक्षण टीम गठित की गई है। संकुल-वार टीमों के गठन के अंतर्गत, संकुल कुँवरपुर/नगर क्षेत्र में टीम प्रभारी के रूप में श्री प्रयाग सिंह रावत नियुक्त किए गए हैं, जिनके साथ श्री हरिपुरजमन सिंह, श्री हरी सिंह एवं श्री ललित मोहन पाठक समेत अन्य सदस्य कार्यरत हैं। संकुल हरिपुर में मुख्य निरीक्षणकर्ता के रूप में श्री गनपत सिंह सेंगर को नियुक्त किया गया है, जबकि हरिपुर क्षेत्र में श्री आशीष विष्ट एवं लालकुआँ से संबंधित टीम सदस्यों का योगदान सुनिश्चित किया गया है। संकुल देवलचौड़, गुनीपुरजीवानन्द और लाखनमण्डी क्षेत्रों में भी अनुभवी निरीक्षण टीमों का गठन किया गया है, ताकि हर दिन कम से कम पाँच विद्यालयों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट (निर्धारित प्रारूप के अनुसार) अपराह्न 03:00 बजे तक अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में प्रस्तुत की जा सके।
इस आदेश में विद्यालयों के टी.सी. सत्यापन के लिए एस.आर. पंजिका अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय से प्रमाणिक अभिलेख प्रस्तुत करने का निर्देश है, जिससे छात्रों का प्रवेश तथा अन्य लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, विद्यालयों को अभिभावकों से लिए जा रहे ट्यूशन फीस, कैपिटेशन शुल्क, कॉशन मनी एवं अन्य शुल्क का विवरण अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का भी आदेश दिया गया है। इस प्रकार, अभिभावकों को शुल्क वृद्धि की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप, यदि किसी विद्यालय में एनसीईआरटी/सीबीएसई पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें उपयोग में लाई जाती हैं, तो उनका मूल्य एनसीईआरटी पुस्तकों के समकक्ष होना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, विद्यालयों को आरटीई मानकों, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी 24 गाइडलाइन बिंदुओं एवं बाल संरक्षण अधिनियम/वाल संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करने का भी निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने मान्यता नवीनीकरण, सोसायटी नवीनीकरण एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने का भी आदेश जारी किया है, अन्यथा मान्यता प्रत्याहरण समेत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य शिक्षा अधिकारी, नैनीताल (शिक्षा भवन, भीमताल) ने मार्च 2025 में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें अभिभावकों को सूचित किया गया कि यदि शैक्षिक सत्र 2025-26 के दौरान किसी भी निजी विद्यालय में फीस, पुस्तक मूल्य या अन्य अनुचित प्रथाओं के मामले सामने आते हैं, तो शिकायतें संबंधित ईमेल आईडी (ceonainital11@gmail.com एवं rmsanaini@gmail.com) पर दर्ज की जाएँ।