उत्तरकाशी। बड़ेथी-मनेरा बाईपास मार्ग पर सालों बाद करीब 2.40 करोड़ की लागत से डामरीकरण हुआ, लेकिन यह दूसरे महीने में ही उखड़ने लगा है। इससे करोड़ों की लागत से हुए डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर, अधिकारियों ने इसे दिखवाने की बात कही है।
बीते मार्च-अप्रैल माह में लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी ने करीब साढ़े नौ किमी लंबी बड़ेधी-मनेरा- तेखला बाईपास मार्ग पर डामरीकरण कार्य करवाया था। डामरीकरण का काम करीब 10- 12-अप्रैल तक चला था, जिस पर करीब 2.40 रुपये खर्च हुए। सालों बाद हुए डामरीकरण से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सड़क के डामरीकरण होने के दूसरे महीने बाद ही मनेरा भूस्खलन जोन के पास सड़क से डामर उखड़ने लगा है।
लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी के अधिशासी अभियंता, नीरज अग्रवाल का कहना है कि बड़ेधी-मनेरा बाईपास सड़क पर करीब 2.40 करोड़ की लागत से डामरीकरण हुआ है। डामर उखड़ कर गड्ढे बने रहे हैं तो इस दिखवाया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग द्वारा बाईपास मार्ग पर विभाग की ओर से मनेरा भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में नाली भी नहीं बनाई गई है। पूर्व में जब इस संबंध में अधिकारियों से पूछा गया था तो उनका कहना था कि नाली बनाई जाएगी लेकिन यह नहीं किया गया।
मार्ग पर चार से पांच जगह छोटे-छोटे गड्ढे होते जा रहे हैं। हालांकि इन गड्ढों को मिट्टी से भर दिया गया है, लेकिन डामरीकरण के दूसरे महीने में डामर उखड़ने से करोड़ों की लागत से हुए डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे साफ लग रहा है कि डामरीकरण में गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए काम नहीं किया गया है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण मार्ग है, उस मार्ग की दो महीने में यह दशा बताती है कि उत्तराखण्ड में केवल एक चीज का विकास बड़ी तेजी से हो रहा है और वो है भ्रष्टाचार। अधिकारी मामले को दिखाने के नाम पर लीपापोती कर देते हैं।