पिथौरागढ़ लिपुलेख तक राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम तेजी से चल रहा है। द्वितीय चरण में तवाघाट से लिपूलेख तक सड़क के विस्तारीकरण का काम किया जाएगा। इस सड़क के चौड़ीकरण में अभी ढुंगातोली के बिनिया गांव से तवाघाट तक 300 से अधिक मकान हैं। सीमांत के बेहद प्राचीन कस्बे बलुवाकोट में सड़क चौड़ीकरण की सर्वाधिक मार पड़ेगी। वर्ष 2023 में ही इस एनएच के बंद रहने से 50 से अधिक दिन सीजन के समय एनएच बंद रहा था।
मुआवजा बांटने के बाद होगी मकान हटाने की कार्रवाई।
एनएच के चौड़ीकरण में प्रशासनिक स्तर पर 350 मकान ही हटाने की बात की जा रही है। सूत्रों के अनुसार कई बेनाप भूमि में बनाए गये मकान भी इसकी जद में आ रहे हैं। इस तरह नाप व बेनाप मिलाकर 638 मकान, दुकानों को हटाया जाना है। मुआवजे के वितरण के बाद कार्यदायी संस्था सीमा सड़क संगठन कभी भी अपना काम प्रारंभ कर सकती है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के वजह से जो लोग विस्थापित हो रहे हैं और जिनकी आजीविका इससे प्रभावित हो रही है , उनके लिए विशेष राहत राशि का प्रावधान होना चाहिए। हो सकता है कि सरकार के लिए वह केवल मकान और जमीन हो, मगर हमारे लोग सरकार से अभी तक कुछ मांग नहीं रहे थे , क्योंकि वह वहीं अपने जीविकोपार्जन के लिए कुछ ना कुछ कर रहे थे। उनको विस्थापित करने से उनके जीविकोपार्जन पर विपरीत असर पड़ रहा है।
इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।