माले। भारत और मालदीव के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन के बाद अब तुर्की की नौसेना का एक युद्धपोत मालदीव पहुँच गया है। मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के मीडिया अधिकारी ने बताया कि तुर्की का सैन्य जहाज माले के पास खड़ा है। सेना के मुताबिक यह जहाज सद्भावना यात्रा पर मालदीव आया है।
एमएनडीएफ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मालदीव पहुंचने वाला जहाज तुर्की का टीसीजी किनालियाडा है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी पहली विदेश यात्रा तुर्की की थी। उनकी सरकार ने तुर्की से ड्रोन की खरीद भी की है, जिसकी संख्या और बजट के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। बड़ी बात यह है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन घोषित तौर पर भारत विरोधी नेता माने जाते हैं।
एमएनडीएफ ने पोस्ट में कहा, यह यात्रा तुर्की-मालदीव साझेदारी और सहयोग को मजबूत करेगी। हालांकि, सरकार ने यह खुलासा नहीं किया है कि मालदीव और तुर्की के बीच रक्षा संबंधों पर अब तक किसी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं या नहीं। राष्ट्रपति मुइज्जू के प्रशासन ने तुर्की के साथ घनिष्ठ राजनयिक और सैन्य संबंध बनाए रखे हैं। वर्तमान सरकार ने मालदीव के क्षेत्रीय जल की निगरानी के लिए तुर्की की बायकर कंपनी से ड्रोन खरीदने के लिए एमवीआर 570 मिलियन से अधिक खर्च किए। हालांकि, सरकार ने ड्रोन की संख्या, लागत और अन्य विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया है।
मुइज्जू सरकार ने तुर्की की बायकर कंपनी द्वारा निर्मित बायरकटार टीबी2 ड्रोन खरीदे। राष्ट्रपति मुइज्जू की पहली आधिकारिक विदेश यात्रा भी तुर्की में की गई थी, जिसके दौरान देश से अनाज आयात करने के लिए एक समझौता किया गया था। हालांकि, तुर्की से अनाज की पहली खेप, जिसके बारे में मुइज्जू ने कहा था कि फरवरी में आ जाएगी, अभी तक मालदीव नहीं पहुंची है।