लम्बी जद्दोजहद के बाद आखिरकार उत्तराखण्ड हाई कोर्ट को मिली मुख्य न्यायाधीश

नैनीताल। आखिर लंबी जद्दोजहद  के बाद उत्तराखण्ड हाईकोर्ट को मिल ही गई मुख्य न्यायाधीश। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी को उत्तराखण्ड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।

गौर मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ में देश के विभिन्न न्यायालयों में न्यायमूर्तियों की नियुक्ति में हो रही देरी की वजह से लंबित प्रकरणों इत्यादि की सुनवाई चल रही है। न्यायमूर्ति संजय किशन कॉल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने इस मामले में कोई सख्त रुख तो नहीं दिखलाया है, मगर मोदी सरकार से यह उम्मीद की, कि वह जल्द से जल्द खाली पदों को भरने का काम करे।

कोलोजियम द्वारा सुझाए गए निर्णय काफी समय से मोदी सरकार के यहां लंबित रखे गए थे। साथ ही साथ जिन मामलों में कोलोजियम द्वारा सुझाए गए नाम की स्वीकृति दी गई थी, उनमें से कुछ नाम रोक लिए गए थे और सूची के अन्य नामों की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। जिस वजह से न्यायमूर्तियों की वरिष्ठता पर विपरीत असर पड़ा था।

उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के लिए कोलोजियम ने न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी की सिफारिश की थी।  26 अक्टूबर 2023 से उत्तराखण्ड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी खाली थी। कोलोजियम की सिफारिश के बावजूद करीब करीब 4 महीनों तक मोदी सरकार ने इस मामले को लंबित रखा।

 

उत्तराखण्ड हाई कोर्ट में पहले से ही न्यायमूर्तियों की कमी चल रही है , जिस वजह से काफी सारे मामले लंबित चल रहे हैं ।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे छोटे और शांत राज्य में जजों की कमी की वजह से मामले लंबित चल रहे हैं, और मोदी सरकार जजों की नियुक्ति के लिए कतई भी गंभीर नहीं है, और इसमें खास बात यह है कि कुल मामलों में से आधे मामले बनाम सरकार होते हैं। भाजपा सरकार ना तो प्रशासनिक दृष्टि से काम कर पा रही है, और अन्याय होने की वजह से  व्यथित व्यक्ति जब माननीय कोर्ट जा रहा है, तो न्यायमूर्तियों के पद खाली होने की वजह से उसको मिलने वाले न्याय में भी दिक्कतें पैदा हो रही है।

एडवोकेट जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पीसीएस अधिकारियों को न्याय प्राप्त करने में 12 साल से भी अधिक समय लगा और वह भी सुप्रीम कोर्ट में जब अवमानना याचिका दायर की, तब भाजपा सरकार को सुद आई और उनको न्याय प्राप्त हुआ। ऐसे में उत्तराखण्ड में आम आदमी किस बिना पर न्याय के भरोसे है यह मोदी सरकार बताये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *