चुनाव के वक्त कांग्रेस के खाते सीज करना और सीएम की गिरफ्तारी पर अमेरिका चिंतित, भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को किया दरकिनार

वॉशिंगटन डीसी। भारत में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच नाटकीय घटनाक्रम में पहले जर्मनी और फिर अमेरिका ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर टिप्पणी की। इसके बाद भारत ने दोनों देशों के राजनयिकों को तलब कर के आपत्ति दर्ज कराई और केजरीवाल की गिरफ़्तारी को अपना घरेलू मामला बताया।

अमेरिका ने अपने राजनयिक को तलब किए जाने पर त्वरित प्रतिक्रिया दी है।

अमेरिका ने कहा कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को अंजाम तक पहुँचाने का समर्थन करता है और उसे नहीं लगता कि इस पर किसी को आपत्ति होनी चाहिए। हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी सहित इन कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे।

भारत में चुनाव के दौरान कांग्रेस के खाते सीज करने पर भी अमेरिका ने दिया बयान

मैथ्यू मिलर द्वारा संबोधित की जा रही विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल पर अमेरिका की टिप्पणी को लेकर भारत में मौजूद कार्यवाहक डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन ग्लोरिया बारबेना को तलब करने और कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को सीज किए जाने के बारे में पूछा गया था।

मैथ्यू मिलर ने कहा, “हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि आयकर विभाग ने उनके कुछ बैंक खातों को फ़्रीज़ कर दिया है, जिससे कि आगामी चुनावों में प्रचार करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। हम इनमें से हर मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं।”

बीते सप्ताह ही सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर के ये दावा किया था कि महज़ 14 लाख रुपये के टैक्स बकाये से जुड़े मामले में पार्टी के 285 करोड़ रुपये के फंड को रोक दिया गया है।

मैथ्यू मिलर से पहले भारत में अमेरिकी राजनयिक को तलब किए जाने पर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा, “मैं किसी निजी डिप्लोमैटिक बातचीत के बारे में कुछ नहीं कहने जा रहा हूँ लेकिन निश्चित रूप से, हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने अभी यहां से कहा है, कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर क़ानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए. हम यही बात निजी तौर पर भी स्पष्ट करेंगे।”

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि चुनाव के समय ही अप्रत्याशित रूप से विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों से इस बात को बल मिलता है कि चुनाव में विपक्षियों को बेवजह प्रताड़ित करने और चुनावी गतिविधियों में उन्हें निष्पक्ष रूप से भाग लेने से रोकने के लिए मोदी सरकार द्वारा यह कार्यवाहियाँ की जा रही हैं। पार्टी का मानना है कि जिन मामलों में गिरफ्तारियाँ की जा रही हैं, वे पुराने मामले हैं ऐसे में या तो पहले गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी, या चुनाव के बाद ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, ऐन चुनाव के वक्त कांग्रेस के खाते सीज करना, मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी करना, अप्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र को प्रभावित करना ही है।

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