नई दिल्ली। आखिरकार आरबीआई ने पेटीएम की बैंकिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध लगाने के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक बड़ी मुश्किलों में फंस सकता है। सूत्रों का दावा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास ऐसे लाखों खाते थे, जिनमें कोई केवाईसी नहीं की गई थी। एक हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं के खाते एक ही पैन कार्ड पर चल रहे थे ।
सूत्रों का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक में सैकड़ो करोड रुपए के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है।
आरबीआई ने पेटीएम पर 20 जून 2018 से कोई भी नया खाता और वॉलेट खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया था, मगर दिसंबर 2018 में यह प्रतिबंध हटा लिया गया । इसके बाद भी कंपनी में अनियमितताओं की जानकारियां आती रहीं।
आरबीआई और ऑडिटर दोनों की जांच में पाया गया कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है ।
मद्रास हाई कोर्ट ने भी एक मामले में या पाया था कि पेटीएम ग्राहकों के पैसे फंस जाने पर उचित जवाब नहीं दे रहा और आरबीआई की यह जिम्मेदारी है, कि वह देखें कि जिन सेवाओं का प्रोत्साहन किया जा रहा है वह सेवाएं ग्राहकों को उचित सेवाएं दें , ना कि ग्राहक उसमें उलझ जाएं । मद्रास हाई कोर्ट ने अवधारित किया कि,भले ही जनता को PayTM, Google Pay, Amazon Pay, आदि जैसे भुगतान बैंकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन ग्राहक को किसी तीसरे पक्ष के उल्लंघन या धोखाधड़ी के हस्तक्षेप के कारण प्रभावित होने की स्थिति में इधर-उधर भटकना पड़ता है। आश्चर्य की बात यह है कि जब आरबीआई ने बैंकों और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स [पीपीआई] दोनों के लिए विस्तृत मास्टर निर्देश जारी किए हैं, तब भी हर संस्था दूसरे पर दोष मढ़ती है।