जीजीआईसी कोटद्वार में सात विषयों के शिक्षक नहीं, बेटी पढ़ाओ अभियान विज्ञापनों तक सीमित

केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार करोड़ों रुपए के विज्ञापन बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ में खर्च करती हैं, मगर जब बेटी पढ़ाने का समय आता है तो उस ओर ध्यान नहीं देती जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, कोटद्वार (जीजीआईसी) जिसमें 512 छात्राएं अध्ययन करती हैं।
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, कोटद्वार में सात विषयों के शिक्षकों के पद अभी भी खाली चल रहे हैं। बोर्ड परीक्षाएं सर पर हैं, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी यहां महत्वपूर्ण विषयों में भी रिक्त पड़े शिक्षकों के पद भरने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसका खामियाजा यहां अध्यनरत छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। जीजीआईसी कोटद्वार में अंग्रेजी, गणित जैसे मुख्य विषयों समेत सात शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं।
बिना शिक्षकों के बेटियाँ अच्छी शिक्षा कैसे ग्रहण कर रही होंगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों की ओर से आला अधिकारियों को कई बार शिक्षको की डिमांड दी जा चुकी है, लेकिन ना तो भाजपा सरकार और ना ही शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है, जबकि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कोटद्वार, क्षेत्र का महत्वपूर्ण शिक्षा का केंद्र है। इस वर्ष विद्यालय में 105 छात्राएं दसवीं और 76 छात्राएं 12वीं की कक्षा में हैं, जिनकी बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं।
बीईओ अयाजुद्दीन का कहना है कि रिक्त पदों पर शिक्षकों की तैनाती के लिए उच्च अधिकारियों के माध्यम से निदेशालय को पत्र भेजा गया है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी नया आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी शिक्षा पर ही ध्यान नहीं देना चाहती। अगर लोग शिक्षित होंगे तो विकास के सवाल करेंगे ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए दिक्कत हो जाएगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को शिक्षा, चिकित्सा जैसे विकास के सवालों से कोई लेना-देना नहीं है। और अगर वाकई कोई लेना-देना होता तो बालिकाओं के विद्यालय में शिक्षकों की इतनी कमी नहीं होती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *