हाई कोर्ट के आदेश पर कोटद्वार पहुँची सीबीआई। उविपा ने लगाया भाजपा पर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप

कोटद्वार। कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण व छह हजार से ज्यादा पेड़ों के काटे जाने के माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के सीबीआई जॉच के आदेश के अनुपालन में सीबीआई की देहरादून शाखा की टीम कोटद्वार के पाखरो रेंज कार्यालय पहुंच गई।

कोटद्वार में सीबीआई की टीम ने वन कर्मियों से घंटों पूछताछ की और पत्रावलियों की जॉच की। सीबीआई ने जांच के बाद कई दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया। सूत्रों के अनुसार सीबीआई के हाथ ऐसे अहम दस्तावेज लग गए हैं जिससे जॉच की आंच अन्य अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है।

कार्बन टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में वर्ष 2019 में टाइगर सफारी बनाने के लिए 106 हेक्टेयर क्षेत्र में 163 पेड़ काटने की अनुमति मिली थी, मगर 163 पेड़ काटने की अनुमति की आड़ पर अधिकारियों और ठेकेदारों के द्वारा इस दौरान 6,093 पेड़ काट दिए गए।

वन आरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण भी किया गया। इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत, पूर्व डीएफओ किशन चंद समेत कुछ अन्य वन अधिकारी और कर्मचारियों के नाम भी संलिप्त पाए गए। बाद में वरिष्ठ आईएफएससी अधिकारी सुशांत पटनायक भी इस मामले में लिप्त पाए गए।

मामले में सीबीआई जांच के आदेश माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के द्वारा दिए गए। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। विजिलेंस जांच इतनी सुस्त चल रही थी कि माननीय न्यायालय के नाराज होने के बाद विजिलेंस ने वन विभाग का जनरेटर खोज निकाला और उसी को अपनी उपलब्धि बताने लगा। उत्तराखण्ड  विकास पार्टी ने कहा कि यह बताता है कि विजिलेंस जॉच के नाम पर भाजपा भ्रष्टाचार को छिपाने का असफल प्रयास कर रही थी।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने बोला कि भाजपा राज में भ्रष्टाचार चरम पर है और कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसे अंतरराष्ट्रीय पार्क के अंदर इस तरीके का भ्रष्टाचार बताता है कि आम जंगलों में किस तरीके से भ्रष्टाचार हो रहा होगा, और जिस तरीके से यहां पेड़ काटे जा रहे हैं जिससे पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो रहा है। अगर इसी तरह भ्रष्टाचार बढ़ता रहा तो पर्यावरणीय असंतुलन को रोक पाना असंभव होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *