चंडीगढ़ मेयर चुनाव लोकतंत्र की हत्या है: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। उच्चत्तम न्यायालय ने चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी के कृत्य पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया ।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मतदान का वीडियो देखने के बाद कहा कि हम लोकतंत्र की हत्या की कतई इजाजत नहीं दे सकते।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जी.पादरीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चुनाव अधिकारी के व्यवहार पर गहरी नाराजगी जताई।
पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चुनाव अधिकारी ने मत पत्रों को विकृत कर दिया। क्या वह इस तरह चुनाव कराते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
पीठ ने अगली सुनवाई पर चुनाव अधिकारी को भी कोर्ट में मौजूद रहने का निर्देश दिया। चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के 08 पार्षदों के वोट अवैध घोषित होने के बाद भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया गया था।
पीठ ने कहा कि चुनाव अधिकारी के व्यवहार से पीठ आश्चर्यचकित है। वह कैमरे की ओर बार-बार क्यों देख रहे हैं? वह भगोड़े की तरह क्यों भाग रहे हैं? पीठ ने कहा कि अधिकारी को मत पत्र में बदलाव करते हुए देखा जा रहा है। उन्हें बताएं सुप्रीम कोर्ट उन पर नजर रख रहा है।
पीठ ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट पर भी कड़ी टिप्पणी की।
शीर्ष अदालत आप पार्षद कुलदीप कुमार की उसे याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें चुनाव पर तत्काल रोक लगाने से हाईकोर्ट ने मना कर दिया था ।
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि मामले में उचित अंतरिम आदेश की जरूरत थी, पर हाई कोर्ट ऐसा करने में विफल रहा।
शीर्ष अदालत ने कुलदीप कुमार की याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है।