देहरादून। लोकसभा चुनावों में उत्तराखण्ड में कांग्रेस द्वारा दिए गए टिकटों ने ये पक्का कर दिया कि इस बार मोदी मैजिक के चलते नहीं वरन कांग्रेस द्वारा भाजपा को वॉक ओवर दिए जाने के कारण भाजपा प्रत्याशी जीतेंगे और उसके बाद कांग्रेस के तथाकथित खेवनहार कांग्रेस की तथाकथित हार पर मंथन करेंगे और आरोप प्रत्यारोप लगाएंगे।
जबकि कांग्रेस का जमीनी कार्यकर्ता तक यह मान रहा है कि टिकट बंटवारे में कांग्रेस की जीत को अगर आधार बनाया जाता तो गढ़वाल सीट छोड़कर बाकी जगह दूसरे ही चेहरे होते।
जीत हार अभी दूर की बात है मगर टिहरी लोकसभा से बॉबी पंवार के नामांकन के दिन देहरादून की सड़कों पर उतरी भीड़ ने टिहरी लोकसभा चुनाव को बॉबी पंवार बनाम मोदी सरकार बना दिया है। दीगर बात है कि भाजपा कार्यकर्ता अपने सांसद के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाने में कतरा रहे हैं। ज्यादातर कार्यकर्ताओं को यह भी नहीं पता है कि सांसद महोदया ने कौन सा गाँव गोद लिया था और उस गोद लिए गाँव के आज क्या हालत हैं? पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य ,बिजली , पानी सड़क की उपलब्धियों को तो अभी एक किनारे कर दिया गया है।
टिहरी लोकसभा सीट पर अब माहौल कांग्रेस बनाम भाजपा की बजाय बॉबी पंवार बनाम भाजपा हो गया है।
ऐसे ही हरिद्वार में निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार कांग्रेस से टिकट पा कर अपनी जीत को पहले ही पक्का करना चाह रहे थे। मगर अपनी स्टिंगबाज शैली के कारण कांग्रेस कार्यकाल में हरीश रावत की सरकार को अस्थिर कर वो पहले ही कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं की आँख की किरकिरी बने हुए थे, तो नेताओं ने कांग्रेस की झोली में आई हुई जीत पर अपने अहम की वजह से लात मार दी। कहावत भी है कि कांग्रेस को इस देश में कांग्रेस के अलावा कोई और नहीं हरा सकता, लिहाजा हरिद्वार सीट पर अब मुकाबला उमेश कुमार बनाम भाजपा दिखाई देने लगा है, और कांग्रेस को तीसरे और चौथे नंबर के लिए आंका जाने लगा है।
नैनीताल लोकसभा सीट में हरीश रावत जैसे दिग्गज के पूर्व प्रत्याशी होने के बाद भी इतने विचार मंथन के बाद ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाना जो कि दो बार टिकट देने के बाद भी विधायक नहीं बन सका अपने आप में इशारा करता है कि कांग्रेस की बड़ी बड़ी मीटिंगों में धरातल के कार्यकर्ताओं और उनके फीडबैक को कितना महत्व दिया जाता है।
वैसे चुनाव भी एक जुआँ है मगर जोड़ घटाना भी कुछ होता है इसलिए अभी तो यह नजर आ रहा है कि हरीश रावत, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, हरक सिंह रावत, भुवन कापड़ी जैसे दिग्गजों के होते चुनावी समर में जनता के बीच बिलकुल नए चेहरों को उतार कर कांग्रेस ने पहले से ही आगे चल रही भाजपा को शुरुआती बढ़त दे दी है।