मोदी धामी सरकार में लाख दावों के बावजूद पहाड़ों में बदहाल हैं स्वास्थ्य सुविधायें, दूरस्थ दुर्गम क्षेत्रों में कैसे बदहाल हैं हाल जानिये

बैजरो। मोदी धामी डबल इंजन की सरकार के लाख दावों के बावजूद पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली जारी है, जिससे आम नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होने से अच्छी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहाड़ों में बदहाली की स्थिति इतनी खराब है कि बीरोंखाल में एक बच्चे की तबियत खराब होने पर जब उसे हायर सेंटर रिफर किया गया तो 108 एंबुलेंस बीरोंखाल तो खराब थी ही, धुमाकोट, रिखणीखाल और शंकरपुर की 108 एंबुलेंस भी खराब निकली।

बीरोंखाल के अंतर्गत धोबीघाट निवासी अभिनव उम्र 06 वर्ष पुत्र राजे सिंह का स्वास्थ्य खराब होने पर उसके परिजन उसे लेकर सीएचसी बीरोंखाल पहुँचे, इलाज के बाद भी हालत में सुधार न आने पर उसे हायर सेंटर रिफर किया गया। मगर बालक को हायर सेंटर रिफर करने पर उसे ले जाने के लिए जब 108 सेवा से संपर्क किया गया तो बीरोंखाल की 108 एंबुलेंस खराब निकली।

उसके बाद अस्पताल ने 108 धुमाकोट, रिखणीखाल और शंकरपुर से संपर्क किया तो ये तीनों एंबुलेंस भी खराब निकली, जिस वजह से बालक को निजी वाहन से ही हायर सेंटर भेजा गया।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि सब्बी धाणी देहरादून की वजह से पहाड़ों की घोर अनदेखी हो रही है, और गढ़वालियों को सामान्य सुविधायें भी प्राप्त नहीं हो रही हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में सुविधाओं में सुधार केवल तब ही सकता है जब सरकार खुद पहाड़ में रहे, मंत्री से लेकर बाबू तक देहरादून में रहते हैं, जिस वजह से वे आम गढ़वाली की तकलीफ को महसूस नहीं कर पा रहे हैं।

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