माले। भारत और मालदीव के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद ऐसी खबर आई है कि बीते मार्च माह में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के हक में बड़ा फैसला लिया था। मुइज्जू के कार्यालय ने भारतीय जहाज पर लगाए गए 42 लाख मालदीवियन रुपये (लगभग 2.25 करोड़ रुपये) के भारी भरकर जुर्माने को माफ कर दिया था। इसके साथ ही जहाज को मालदीव छोड़ने की अनुमति भी दे दी थी। मालदीविन मीडिया पोर्टल अधाधू ने इस बारे में जानकारी दी है। मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स के कोर्स गार्ड ने बीते साल 28 अक्टूबर को भारतीय जहाज ‘होली स्पिरिट‘ को पकड़ लिया था। मालदीव ने भारतीय जहाज पर उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में मछली पकड़ने का आरोप लगाया था। जब इस जहाज को पकड़ा गया था, उस समय मालदीव में इब्राहिम सोलिह की सरकार थी
जहाज को पकड़े जाने के बाद मालदीव के मत्स्य मंत्रालय ने इसके संचालक एंटनी जयबालन पर 42 लाख मालदीवियन रुपये का जुर्माना लगाया था। जहाज के संचालक ने जुर्माना माफ करने का अनुरोध किया था, लेकिन पिछली सरकार ने अनुरोध को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू सरकार आने के बाद राष्ट्रपति कार्यालय ने 10 मार्च को जुर्माने को माफ कर दिया और जहाज को देश छोड़ने की अनुमति दे दी थी। इसके सात दिन बाद जहाज मालदीव से रवाना हो गया था।
इसके पहले मालदीव के मत्स्य मंत्रालय ने जुर्माने की राशि के भुगतान के लिए सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था। हालांकि, जब राष्ट्रपति कार्यालय ने जुर्माना माफ कर दिया तो मंत्रालय ने अदालत से वापस लेने का अनुरोध किया। अदालत ने अनुरोध के अनुसार आरोपों को खारिज कर दिया।
जहाज के संचालक जयबालन ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि भारतीय दूतावास ने इस मुद्दे को सुलझाने में कोई सहायता नहीं की है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय दूतावास ने बाद में इस मामले में मालदीव सरकार से संपर्क किया था या नहीं।