देहरादून। अवैध खनन के हालिया घटनाक्रम के कारण निदेशक खनन पैट्रिक द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की कहानी आम जनता की समझ से परे थी, लिहाजा खनन निदेशक द्वारा रची गई अपहरण और वसूली की कहानी किसी को पची नहीं। मगर इस घटना से मोदी धामी के डबल इंजन सरकार में भ्रष्टाचार की रोचकता में बढ़ोतरी जरूर हो गई।
ऐसे में भाजपा सरकार ने इज्जत बचाने की खातिर बड़ा फैसला लेते हुए भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक एस.एल. पैट्रिक को निलंबित कर दिया। पैट्रिक आने वाले जून माह में अपने पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे। शासन ने निदेशक के खिलाफ एक लंबी चौड़ी चार्जशीट जारी की।
शासन द्वारा जारी निलम्बन आदेश में आरोप लगाया गया है कि डायरेक्टर पैट्रिक द्वारा राजकीय कार्यों की गोपनीयता भंग की जा रही थी। साथ ही सरकारी संविदा कर्मियों को अपने पारिवारिक व निजी कार्यों में उपयोग किया जा रहा था। सरकारी वाहनों के दुरुपयोग को लेकर भी चार्जशीट में जिक्र किया गया है।
इसके अतिरिक्त निजी कारोबारी ओम प्रकाश तिवारी से लेनदेन व प्रलोभन के वशीभूत होकर सरकारी कार्यों व गोपनीयता को भंग करने व पद के दुरुपयोग का गंभीर आरोप भी इस चार्जशीट में वर्णित है।
यही नहीं निदेशक द्वारा निजी स्थान पर निजी व्यक्ति के साथ भेंट वार्ता करना व उसे लाभ दिए जाने को लेकर भी निलम्बन आदेश में जिक्र करते हुए इसे शासन ने गंभीर अनियमितता करार दिया है। इसके अतितिक्त ई निविदा व ई नीलामी में भी निदेशक द्वारा लचर प्रणाली अपनानाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।