राज्य गठन के बाद भी पहाड़ों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव, मोदी सरकार में भी मरीजों को उठा कर ले जाना पड़ रहा है कंधों पर

नैनीताल । नैनीताल के ओखलकांडा से वही असहज करने वाले वीडियो सामने आए हैं, जहां एक घायल महिला की डोली को 5 किलोमीटर कंधों पर रखकर ग्रामीण नजदीकी मोटर मार्ग तक लाए। उत्तराखण्ड राज्य गठन के 24 सालों बाद भी पहाड़ों में बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया है।

नैनीताल जिले के ओखलकान्डा स्थित सुनकोट गांव निवासी 27 वर्षीय दीपा देवी खेत में घास काटने के दौरान गिर गई। दीपा चोटिल हो गई तो उन्हें सुनकोट गांव से 5 किलोमीटर डोली में बैठाकर पैदल ही उबड खाबड रास्तों और जंगल से गुजरते हुए नजदीकी मोटर मार्ग तक लाया गया।

वहां से दीपा को प्राइवेट वाहन से 18 किलोमीटर दूर प्राथमिक उपचार केंद्र ढोली गांव में उपचार दिया गया। गिरने से दीपा के सिर में नौ टाके लगे हैं।

क्षेत्र के लोगों ने कई वर्षों से गांव में प्राथमिक उपचार केंद्र और पैदल मार्ग की जगह मोटर मार्ग की मांग कर रहे हैं मगर मोदी की डबल इंजन सरकार सुनने को राजी नहीं है।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि हिंदू हितों की बात करने वाले भाजपाइयों की ऐसे मामले में बोलती बंद हो जाती है। उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक है कि खुद की भाजपा सरकार में भाजपाइयों को हिंदुओं के हितों की चिंता जरा भी नहीं है।

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