नैनीताल। हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड में लोकायुक्त की नियुक्त के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य सचिव ने पूर्व के आदेश के अनुपालन में शपथपत्र पेश कर बताया कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए सरकार ने कमेटी गठित कर दी है।
इसकी एक बैठक 22 फरवरी 2025 को हो चुकी है। बताया गया कि राज्य सरकार लोकायुक्त नियुक्त करने के लिए लोकायुक्त एक्ट के प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन कर रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को अगली तिथि तक स्थिति से अवगत कराने के कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की है, जबकि संस्थान के नाम पर दो से तीन करोड़ सालाना खर्च हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए बलोदी और बडोनी बंधु कई बार लोकायुक्त कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चन्द्र जोशी ने कहा कि मोदी सरकार में राज्यों में अपरिपक्व मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की वजह से भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है और इसी वजह से भाजपा सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति में घबराती है। उन्होंने कहा कि आम जनता को मोदी भक्ति से बाहर आना चाहिए नहीं तो पहाड़ में पलायन के चलते पड़ोसी देश के दखल की संभावनायें बढ़ जाएंगी।