देहरादून। गर्मी बढ़ने के साथ साथ उत्तराखण्ड के जंगलों में आग लगने की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं। जंगलों में आग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक हाई लेवल मीटिंग भी कर चुके हैं, मगर नतीजा नदारद है।
बुधवार को ही गढ़वाल और कुमाऊँ के जंगलों में कुल 13 जगह आग लगने की घटना की जानकारी सामने आई है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की अनदेखी और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से जंगलों में आग लगने की घटनाओं का क्रम घटने की बजाय बढ़ता चला जा रहा है और वन विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने के लिए आग लगने की घटनाओं में मूल निवासियों का हाथ बताते हुए कड़े कानून लागू करने की बात कर रहा है, जो कि बताता है कि भाजपा सरकार की असली मंशा जंगलों की आग बुझाने की नहीं बल्कि ग्रामीणों को बेवजह परेशान करने की है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सह सचिव सुनील रावत ने बोला कि जंगल की आग बुझाने के उपाय सर्दियों के मौसम से ही किए जाते हैं, मगर तब कभी फंड की कमी कभी कुछ और वजहों से जंगल की सुरक्षा की अनदेखी की जाती है, ऐसे में ऐन गर्मियों के सीजन में जंगल की आग बुझाना कठिन काम है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण जंगलों में अग्रेजों के समय की फायर प्रोटेक्शन लाइन खत्म हो गई है, जबकि जंगलों की आग बुझाने के लिए फायर प्रोटेक्शन लाइनों का विस्तार किया जाना चाहिए था।