देहरादून। उत्तराखण्ड में गर्मी के दिनों की शुरुआत के समय ही राज्य में जंगलों में आग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में पिछले 24 घंटे में 31 जगह जंगलों में आग के मामले दर्ज किए गए हैं। चकराता और मसूरी समेत प्रदेश के कई हिस्सों में जंगल धड़क रहे हैं। राज्य भर में पिछले 24 घंटों में जंगलों में आग की जो 31 घटनायें हुई हैं, इसमें सबसे अधिक मामले कुमाऊं 18 और गढ़वाल 11 और दो वन्य जीव क्षेत्र के हैं।
वन विभाग के मुताबिक वन प्रभाग उत्तरकाशी के आरक्षित क्षेत्र में दो, वन पंचायत में एक, मसूरी वन प्रभाग में तीन, वन पंचायत में एक, चकराता वन प्रभाग के तहत तीन, लैंसडौन वन प्रभाग आरक्षित क्षेत्र में एक,नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में एक घटना हुई है
इसके अलावा नैनीताल वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, हल्द्वानी वन प्रभाग व अन्य प्रभागों में वनाग्नि की सूचना है।
हर साल वन विभाग जंगलों में आग रोकने के लिए बड़ी बड़ी मैराथन बैठक करता है, मगर गर्मी का मौसम आते ही सारी योजनायें धरी की धरी रह जाती हैं।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने आरोप लगाया कि वन मंत्री वनों को बचाने के प्रति गंभीर नहीं हैं। हर साल लाखों पेड़ लगाए जाने के दावे वन विभाग द्वारा किए जाते हैं मगर वन क्षेत्र हर साल घटता जाता है। यह बताता है कि वन विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ चढ़ कर हो रहा है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जोशी ने कहा कि कॉर्बेट नेशनल पार्क से सौ पेड़ों के कटान की अनुमति के नाम पर छह हजार पेड़ काटे जा सकते हैं तो, सामान्य वन क्षेत्रों में पेड़ों के अवैध कटान की स्थिति समझी जा सकती है।