चार सहकारी कर्मचारियों को करना ही पड़ा बर्खास्त, उविपा ने बताया इसे न्याय की जीत, हाई कोर्ट का किया धन्यवाद, कहा भाजपा खा रही हिंदू युवाओं की नौकरी

रुद्रपुर। जिला सहकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी के चार कर्मचारियों को हाई कोर्ट नैनीताल के आदेश के बाद बर्खास्त कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला सहकारी बैंक के चतुर्थ श्रेणी पदों में नियुक्ति में यह घपला हुआ था। नियुक्ति सूची आने के बाद ही भाजपा पर नियुक्तियों में घपला करने का आरोप लगा था और भाजपा सरकार ने इन नियुक्तियों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ियों से इंकार किया था।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि हिंदू मुस्लिम के नाम पर राजनीति कर सत्ता में आने वाली भाजपा सरकार हिंदुओं के अधिकारों को ही नौकरियों में फर्जीवाड़ा करके कुछ रही है और हिंदुओं को नाई, धोबी,मोची या चाय का ढाबा खोलने को प्रेरित कर रही है, जिसका असली कारण सरकारी और सहकारी नियुक्तियों में घपला कर मोटा माल कमाना है।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि अगर न्यायपालिका सजग ना हो तो ऐसी सरकारें सब कुछ बेच दें। इस मामले में भाजपा द्वारा गड़बड़ी से इंकार किए जाने के बाद माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर हुई और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई जाँच में पाँच कर्मचारी दोषी पाए गए जिनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है। मदन मोहन भट्ट, हिमांशु नेगी, अमर सिंह व अतुल गिरी के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी मिलने पर इन्हें तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि नियुक्ति पाने वालों को बर्खास्त कर भाजपा की मोदी धामी डबल इंजन सरकार नियुक्त करने वाले नेताओं और अधिकारियों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश को हिंदुत्व के नाम पर लूट रही है, और युवाओं की नौकरियों में भ्रष्टाचार कर खुले आम झूठ बोलती है कि कोई लीक नहीं हुआ।

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