कोटद्वार। मोदी धामी सरकार के लाख दावों के बावजूद प्रदेश में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और लगातार हमलावर हो रहे हैं। कोटद्वार में खनन माफिया पहले वन अधिकारियों पर हमला कर चुके हैं उसके बाद तहसीलदार कोटद्वार रहे विकास अवस्थी को हमला कर घायल कर दिया था। पत्रकारों पर तो जब चाहे तब हमला कर देते हैं। गौर मतलब यह भी है कि विकास कार्यों के लिए रेत और बजरी एक महत्वपूर्ण अव्यय हैं, और अपने ही राज्य में प्रतिबंधों की वजह से इसके अवैध कारोबार की स्थितियां बनी हुई हैं, जिस कारण आम नागरिक परेशान है।
ऐसा ही मामला अब फिर सामने आया है जब अस्पताल निर्माण की स्थिति देखने गए पत्रकारों को मालण नदी से खच्चरों से आरबीएम का ढुलान नजदीक के स्टॉक होल्डर के यहां किया जा रहा देख उसका वीडियो बनाने लगे। पत्रकारों को अवैध ढुलान का वीडियो बनाते देख स्टॉक होल्डर के यहां से एक अज्ञात व्यक्ति आया जिसने पत्रकारों को वीडियो बनाने पर धमकाया, बात बढ़ी तो उसने पत्रकारों पर किसी रॉड से हमला कर दिया, उक्त रॉड पत्रकार दिलीप कश्यप के सर पर लगी, जिस कारण उसके सर से खून निकलने लगा। उस व्यक्ति ने दिलीप कश्यप का मोबाइल भी छीन लिया और मौके से भाग खड़ा हुआ।
पत्रकारों ने इसकी रिपोर्ट थाने में करवाई और दिलीप कश्यप का मेडिकल करवाया। साथी पत्रकार राकेश पंत ने बताया कि उक्त स्टॉक पर उस समय एक सफेद बोलेरो जीप भी खड़ी थी, जिस पर लाल रंग का बोर्ड भी लगा हुआ था। इस बोलरो जीप के सरकारी गाड़ी होने का अनुमान लगाया जा रहा है और उक्त तथाकथित सरकारी जीप की चर्चा बाजार में हो रही है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने पत्रकारों पर हमले की कड़ी निन्दा की है और कहा कि मोदी राज में धामी सरकार के हाथ में कुछ है नहीं । मुख्य काम राज्य के बाहर के ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं, स्थानीय ठेकेदारों और व्यापारियों के पास कोई काम नहीं रह गया है, इस लिए स्थानीय युवाओं को पेट की खातिर खनन के अवैध कारोबार से घर चलाना पड़ रहा है। एडवोकेट जोशी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियाँ गढ़वालियों के समाज संस्कृति को तो खत्म कर ही रही हैं आर्थिक रूप से भी बाहरी लोग गढ़वालियों को कारोबार से बाहर कर रहे हैं, इस वजह से कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही हैं।