गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा संस्कृति राज्य बनने के 24 सालों बाद भी उपेक्षित : उविपा

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा कांग्रेस की आपसी मिलीभगत के कारण गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा संस्कृति का नुकसान हो रहा है साथ ही साथ परिसीमन की वजह से पहाड़ की विषम भौगौलिक स्थिति आम जन को न चाहते हुए भी पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चन्द्र जोशी ने कहा था कि उत्तराखण्ड राज्य हमारी अलग भाषा संस्कृति को बचाने के लिए मांगा गया था, मगर इन 24 सालों में भाजपा कांग्रेस  ने गढ़वाली कुमाऊनी भाषा संस्कृति के संवर्धन के लिए कुछ नहीं किया, नतीजतन इन 24 सालों में गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा और संस्कृति का विकास और संवर्धन अपने ही राज्य में न हो सका।

एडवोकेट जोशी ने कहा कि गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा संस्कृति की भाजपा कांग्रेस द्वारा की जा रही घोर अवहेलना के कारण ही पहाड़ों में विधानसभा सीटों समेत आम जन का पलायन लगातार बढ़ रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य पहाड़ में दूर की कौड़ी होते जा रहे हैं और हमारे मंत्री विदेश भ्रमण का रिकॉर्ड बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली जैसी भाषायें संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं मगर भाजपा डबल इंजन होने के बावजूद गढ़वाली कुमाऊनी को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं करवा पा रही है, इससे पता चलता है कि डबल इंजन को कोई फायदा गढ़वाल कुमाऊँ को नहीं मिल रहा है।

एडवोकेट जोशी ने कहा कि भाजपा कांग्रेस ने उत्तराखण्ड को इस स्थिति में पहुँचा दिया है कि पहाड़ की बात करते ही भाजपा कांग्रेस के लोग क्षेत्रवाद का आरोप लगाने की चेष्टा करते हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।

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