ऋषिकेश। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन के उत्तराखण्ड प्रभारी गजेंद्र सिंह नेगी ने आज ऋषिकेश में प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार को चार धाम यात्रा सीजन में ट्रकों के साथ किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ अल्टीमेटम दिया।
गजेंद्र नेगी ने आरोप लगाया कि चार धाम यात्रा के समय भारी यातायात व्यवस्था को संभालने के नाम पर ट्रकों की नो इंट्री इस तरह कर दी गई कि एक दिन के काम के तीन से चार दिन लगे और उस हिसाब से भाड़ा न मिलने की वजह से पिछले साल ट्रक वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास यातायात मैनेज करने के नाम पर केवल एक कहानी है कि ट्रक वालों को चंद्रभागा में पार्क करवा दो। उन्होंने कहा कि सुबह आठ बजे से रात्रि दस बजे तक नो इंट्री की वजह से ट्रक शहर में रात्रि ग्यारह बारह बजे पहुँचते हैं, उस समय तक दुकानें बंद हो जाती हैं। ऐसे में ट्रक वालों को सामान के लिए अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है।
गजेंद्र नेगी ने कहा कि जैसे राज्यपाल के आने पर पुलिस ट्रैफिक की चाक चौबंद रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाती है वैसे ही प्रशासन चार धाम की ट्रैफिक व्यवस्था अतिरिक्त पुलिस बल लगा कर चाक चौबंद कर सकती है, मगर शासन इस ओर से लापरवाह रहता है। उन्होंने कहा कि हम प्रशासन को हर संभव मदद देने के लिए तैयार हैं मगर इस साल जबरदस्ती का थोपा हुआ ट्रैफिक प्लान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने नेशनल परमिट प्राप्त टैंकरों ट्रकों और बलगरों को पुलिस द्वारा ज्यादा तरजीह देने पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि नेशनल परमिट वाले ट्रांसपोर्ट साधनों से राज्य की कमाई केवल एक करोड़ है जबकि राज्य के ट्रांसपोर्टर शासन को 2 अरब का राजस्व देते हैं।
उन्होंने कहा कि चंद्रभागा नदी में ट्रक खड़े करवाने से ट्रैफिक नहीं सुधरता है। मैनेजमेंट प्लान मृत व्यवस्था की तरह हो गया है कई दिनों सड़कों में सामान्य ट्रैफिक रहने पर भी ट्रकों को नहीं चलने दिया जाता है, जिस वजह से ट्रक वाले आर्थिक रूप से पिछड़ रहे हैं। इतना टैक्स देने के बाद भी ट्रक वालों से पुलिस का व्यवहार भी ठीक नहीं रहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहाड़ के ट्रक वालों का तुरंत चालान होता है मगर एक ट्रेलर ने एक माह तक राजमार्ग पर जाम लगा के रखा उसके खिलाफ पुलिस ने कुछ नहीं किया।