देहरादून। भाजपा में आंतरिक संघर्ष काम होने का नाम नहीं ले रहा है। उपचुनाव में दोनों विधानसभा सीटें हारने के बाद से ही भाजपा के ही कुछ नेताओं के सपनों में मुख्यमंत्री की कुर्सी आने लगी है, मगर भाजपा जैसी पार्टी में बोलें तो कैसे बोलें।
तो अचानक भाजपा के शीर्ष नेताओं के दिल्ली जाने और वहां प्रभावशाली लोगों के साथ मीटिंग की फोटो सोशल मीडिया में डाल जाने कैसे अपने को किस दौड़ में शामिल दिखाना चाह रहे थे कि अचा न चक भगत सिंह कोश्यारी ने इस फोटो वार में ऐसा तड़का डाला कि कुछ नेताओं की तो सांसे तक अटक गई।
कभी तीन नेता एक साथ कभी दो नेता एक साथ अलग अलग फोटुओं के निहितार्थ जनता मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई ही निकाल रही थी तभी तीरथ सिंह रावत की मोदी के साथ फोटो ने नए समीकरणों की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट कर दिया।
उत्तराखण्ड में बजट की बंदर बांट का जैसे ही भगत सिंह कोश्यारी ने खुलासा किया, भाजपा तो भाजपा कांग्रेस तक को जैसे करंट लग गया हो, क्योंकि इतने शीर्ष नेता द्वारा अपनी ही सरकार को विशेष संदर्भों का उदाहरण देते हुए कटघरे में खड़े करने के बाद भी कांग्रेस ने कहीं भी भाजपा से स्पष्टीकरण और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग के लिए कोई धरना प्रदर्शन किया हो ऐसा ज्ञात नहीं है, हां ये जरूर है कि यदि इसका विपरीत हुआ होता तो आज मुख्यमंत्री के इस्तीफे के लिए भाजपा सड़कों पर होती।
उत्तराखण्ड का तो जो होगा सो होगा मगर फोटो वार में भगत दा के तड़के के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठे हों ना बैठे हों, दिल्ली में नई फोटो केमिस्ट्री के साथ प्रकट हुए हैं।