चमोली में पिंडर नदी का बढ़ा जल स्तर, ओडर नदी पर बने कच्चे पुल को खतरा, आवाजाही में हो रही दिक्कत

देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड के ओडर सहित एक दर्जन गांवों के सामने पिछले दस सालों से आवाजाही की समस्या बनी हुई है। वर्तमान समय में आय दिन हो रही बारिश से पिंडर नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है। ग्रामीणों ने पिंडर नदी पर श्रमदान से बनाये गये कच्चे पुल खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर आवाजाही करने को मजबूर हैं। पिछले दस बर्ष से बरसात शुरू होते ही यही समस्या बनी है। आवाजाही के लिए लोनिवि ओर से यहां पर लगायी गई ट्राली भी पिछले लम्बे समय से खराब चल रहीं हैं वहीं नदी में झूला पुल का टेंडर पड़े साल भर होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। सरकार के खिलाफ ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जताई है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गडिया ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा में पिंडर नदी पर बना झूला पुल बह था। कुछ समय बाद लोनिवि थराली ने इस स्थान पर हाइड्रोलिक ट्राली लगाई जो अक्सर खराब ही रहती है। जो पिछले छह माह से अब पूरी तरह से ठप पड़ी है। 10 वर्षों से ग्रामीण आवाजाही के लिए हर वर्ष नदी में श्रमदान से लकड़ी का कच्चा पुल बनाते हैं। जो जून की भारी बारीश में बह जाता है। फिर वर्षात खत्म होने के बाद फिर से बनाते है।

गांव के प्रधान खीम राम नंदन सिंह, महेशानंद पयाल, महावीर सिंह,मोहन प्यार, खीमानंद दरवान सिंह, सन्तोष ने कहा कि ग्रामीण लगातार बहे पुल के स्थान पर झूला पुल बनाने की मांग उठाते आ रहे है। यूजीआरआईडीपी देहरादून के निदेशक के माध्यम से 4 जून 2023 को पुल का टेंडर वर्ल्ड बैंक को मिला है। एक वर्ष गुजरने के बाद भी झूला पुल का काम शुरू नहीं हो पाया है। शीघ्र पुल का काम शुरू करने की मांग उठाई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पिंडर नदी का पानी बढ रहा है। ओडर और हरमल ट्राली चलाने का टेंडर प्रक्रिया लगा दी है। बरसात का मौसम अमूमन 15 जून से 15 सितम्बर तक होता है। जल्दी ट्राली शुरू कर दी जाएगी।

दिनेश गुप्ता, अभिशासी अभियंता, लोनिवि थराली

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