झारखण्ड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। पहले छह घंटे की पूछताछ के बाद कड़े तेवर दिखाए थे हेमंत सोरेन ने। ईडी ने फिर पूछताछ के लिए उन्हें समन भेज दिया है। हेमंत सोरेन को 27 से 21 जनवरी के बीच पेश होने को कहा गया है। उधर 20 जनवरी को झारखण्ड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन के घर पर सीआरपीएफ के जवानों का आना विवाद का कारण बन गया है।
सीआरपीएफ के आईजी, कमांडेंट और 500 अज्ञात जवानों के खिलाफ दंडाधिकारी सह रांची के सीओ मुंशी राम की शिकायत पर सोमवार को गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी की धारा 143, 188 और 353 के तहत दर्ज कराई गई है। सीओ की ओर से दर्ज एफआईआर में आरोप है कि 20 जनवरी 2024 को दोपहर ढाई बजे 10 बड़े वाहनों से सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान सीएज हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित सरकारी आवास की ओर जाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान वहां उपस्थित पदाधिकारियों के साथ उन्होंने खुद बैरिकेडिंग के अंदर जाने से रोका। इस दौरान सीआरपीएफ के अधिकारियों को बताया गया कि जिला प्रशासन को बताया गया कि जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने सीआरपीएफ से सहयोग का अनुरोध नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के आपके हथियारबंद जवानों के साथ पहुंचने की विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई। सीएम आवास और आसपास के क्षेत्र में सदर अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से धारा 144 लागू होने के कारण 500 मीटर क्षेत्र में हथियार के साथ जाने पर पाबंदी है। अनुरोध किया गया कि वे अपने कैंप लौट जाएं, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। वे बलपूर्वक अधिकारियों और पुलिस बलों से उलझते रहे। सीआरपीएफ के लोग कह रहे थे कि सीआरपीएफ आईजी और कमांडेंट के आदेश के तहत उन लोगों को मुख्यमंत्री आवास जाना है। इसके बाद सीआरपीएफ जवानों ने अपने वाहन को एटीआई और सीएम आवास के पिछले गेट के समीप लगा दिया गया। जवानों की ओर से घेराबंदी की जाने लगी। काफी प्रयास के बाद स्थिति संभाली गई।