उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद में चिकित्सा की सुविधाओं की हालात इतनी खराब हैं, कि लोगों को पहाड़ों से पलायन करना पड़ रहा है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि यह खेदजनक है कि जिस जनपद से राज्य में दो कद्दावर मंत्री बने हैं,और एक विधानसभा अध्यक्ष, उस जनपद में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के कारण लोगों को पलायन करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने बोला कि गढ़वाल जनपद की किसी भी सीएससी में बाल रोग चिकित्सक नहीं है, और कुल 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 12 केन्द्रों में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है, और कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में फिजिशियन और जनरल सर्जन नहीं है। विषम भौगोलिक स्थिति वाले पहाड़ी जनपद गढ़वाल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद लचर हैं।
एडवोकेट जोशी ने कहा कि महिला शक्ति के दम पर इस राज्य को बनाया गया और आज हालात यह है की गढ़वाल जनपद में महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने के दावे करने वाले स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार थैलीसेंण के अलावा कहीं भी स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है, और प्रदेश में लगातार स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी की वजह से प्रसव के समय जच्चा बच्चा दोनों की मौत होने की खबरें आती रहती हैं जिसमें सही समय पर सही उपचार न मिल पाना सबसे बड़ा कारण है।
एडवोकेट जोशी ने कहा कि दस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) में एक भी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नहीं है। थानमासौ , द्वारीखाल , कोट महादेव, भरपूर ,नाथूखाल, फरासाडी, बांगघाट, कांडाखाल, लालपानी, डाडामंडी पीएससी में एक भी चिकित्सा अधिकारी नहीं है। जनपद के 13 सीएससी में केवल थैलीसैण एक इकलौता अस्पताल है जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात है। हालांकि यहां चिकित्सा अधीक्षक, जनरल सर्जन, फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ के पद खाली हैं। संयुक्त चिकित्सालय सतपुली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा , रिखणीखाल, खिर्सू, नौगांवखाल, पैठाणी, यमकेश्वर, कोट, चैलूसेंण में एक भी महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ,चिकित्सा अधीक्षक, जनरल सर्जन, बल रोग विशेषज्ञ आदि तैनात नहीं है।
एडवोकेट जोशी ने कहा कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के नेता देहरादून और हल्द्वानी में बस गए हैं, इसलिए उन्हें पहाड़ के हितों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि आज पहाड़ से विधायक बने यह नेता परिसीमन का इंतजार कर रहे हैं जिससे पहाड़ की दुश्वारियां बढ़ना तय है। दूसरी बात कि लोग मोदी के नाम पर वोट दे रहे हैं,जबकि वोट सुविधाओं के नाम पर, विकास के नाम पर दी जानी चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी गढ़वाल डॉ प्रवीण कुमार के द्वारा यह बताया गया की विषेषज्ञ विहीन अस्पतालों की जिम्मेदारी अन्य चिकित्सकों को दी गई है। जिले में रिक्त पदों व विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती को की मांग को लेकर शासन से पत्राचार किया गया है।