नई दिल्ली। अफवाहों के बीच आरबीआई ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि 2000 के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।
इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक जरूरत पड़ने पर 2000 के नोट को फिर से चलन में ला सकता है।
इसके साथ ही 2000 रुपयों के करीब 97.62 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। अब सिर्फ 8,470 करोड रुपए के नोट ही लोगों के पास हैं।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मोदी सरकार द्वारा की जा रही की जा रही इस तरीके की नोटबंदी की आलोचना की। उत्तराखण्ड विकास पार्टी का मानना है कि मोदी सरकार ने बिना किसी पूर्वानुमान और आख्या के दोनों बार नोटबंडी की, जिससे सिवा नुकसान के और कोई काम नहीं हुआ। मोदी सरकार कमजोर और भ्रमित विपक्ष के कारण ऐसे काम कर रही है जिससे आम जनता को भारी परेशानियाँ उठानी पड़ रही हैं और देश की अर्थव्यवस्था में रुकावट भी आ रही है। पार्टी ने आश्चर्य जताया कि नोट बंद करने के बाद भी मुद्रा में वैध बने रहने देने का क्या औचित्य है। पार्टी सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने मोदी सरकार से नोटबंदी पर श्वेत पत्र लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जनता को यह पता लगाना चाहिए कि ऐसी योजनाओं से जो नुकसान हो रहा है उसकी खबर मोदी सरकार को है।