नेशनल प्रोग्राम फॉर ऑर्गेनिक एक्सपर्ट्स के तहत पिछले सप्ताह देहरादून में आयोजित कार्यशाला में उमा इंटरप्राइजेज के अभय काला और पी के मोटर्स के पीके बंसल द्वारा प्रतिभा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने हांगकांग बेलारूस स्पेन युगांडा लेबनान आदि से आए प्रतिनिधि मंडलों से आर्गेनिक उत्पादों के विपणन के संबंध में बातचीत की ।
पीके बंसल द्वारा बताया गया कि अंग्रेजों ने चाय को गढ़वालियों का प्रमुख पेय बना दिया था, लैंसडौन में चाय अंग्रेज़ों के साथ साथ स्थानीय निवासियों का प्रमुख पेय बन गई थी। इसके लिए अंग्रेजों ने चीन से विशेषज्ञ बुलवा कर पौड़ी रानीखेत में चाय बागान बनवाए। लैंसडौन के बचपन के अनुभव ने उन्हें इस ओर प्रेरित किया और उनके द्वारा बनाई जा रही ऑर्गेनिक चाय देश-विदेश में भेजी जा रही है और लोग इस आर्गेनिक चाय का पूरा आनंद उठा रहे हैं । उनके द्वारा जड़ी बूटियां से लोगों के उपचार हेतु उत्पाद बनाने का भी विचार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर अभय काला द्वारा हांगकांग स्पेन युगांडा आदि से आए हुए प्रतिनिधि मंडल को गढ़वाल के कोदा , झंगोरा आदि के सैंपल भी वितरित किए गए ।
अभय कल द्वारा बताया गया कि आर्गेनिक उत्पादों के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में असीम संभावनाएं हैं, मगर इसके लिए गांव के स्तर तक मेहनत करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार को उच्च स्तर के अधिकारियों को जल्द जल्द बदल देने की वजह से योजनाएं प्रभावित हो जाती हैं , क्योंकि अधिकारियों के स्थानांतरण की वजह से अन्य अधिकारी को प्रोग्राम को समझने में समय लगता है, और तब तक उसका स्थानांतरण हो जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के अधिकारी अपनी भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि उत्तराखण्ड का नाम ऑर्गेनिक उत्पादों के क्षेत्र में विश्व में नंबर पर आ जाए और इसके लिए कुछ साल भरपूर मेहनत करनी पड़ेगी।