गढ़वाल के एक और सपूत ने किया नाम रोशन। मेजर दिग्विजय सिंह रावत जमीन पर रेंगते हुए आतंकवादियों के इलाके में पहुंचे और उनके कैप्टन का ढेर किया. वहीं आतंकवादियों के एक साथी को घायल भी किया. कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी के प्रति समर्पण, बेजोड़ शौर्य, साहस और रणनीतिक कौशल के चलते मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
21 पैरा (विशेष बल) कमांडो में मेजर के पद पर तैनात दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद से ही गढ़वाल कुमाऊँ में खुशी की लहर दौड़ गई है ।
गढ़वाल जिले के पीपली गांव के निवासी मेजर दिग्विजय सिंह रावत का परिवार 1987 से श्रीनगर के डांग इलाके में निवास कर रहा है। मेजर दिग्विजय सिंह की दसवीं तक की पढ़ाई कॉन्वेंट स्कूल श्रीनगर में हुई। मेजर दिग्विजय सिंह ने इंटर की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय श्रीनगर से की। वर्ष 2010 में एनडीए टेक्निकल परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने कॉलेज आफ मिलट्री इंजीनियरिंग पुणे से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री कर, आई एम ए देहरादून से 2013 में पास आउट किया। 2015 में उनका चयन 21 पैरा कमांडो में हुआ।
वर्तमान में वे मणिपुर में तैनात हैं । वर्ष 2022 में एक ऑपरेशन के दौरान मेजर रावत को आतंकवादियों द्वारा मणिपुर दौरे पर आने वाले एक वीआईपी को निशाना बनाने की योजना की खुफिया जानकारी मिली। इस जानकारी के आधार पर मेजर रावत ने आतंकवादियों की योजना को नाकाम कर दिया।