चार धाम यात्रा में समय कम काम ज्यादा, हर बार यही स्थिति क्या जानबूझ कर की जाती है लापरवाही!

गोपेश्वर/उखीमठ। चार धाम यात्रा का संचालन शुरू होने वाला है और हेलीकॉप्टर की बुकिंग अगस्त तक की पूरी हो चुकी है। चार धाम यात्रा के संचालन में मात्र 20 दोनों का समय रह गया है और सरकार यात्रा पड़ावों पर अभी तक बुनियादी जन सुविधा नहीं जुटा जा सकी है। सबसे बुरी स्थिति यात्रा मार्गो की बनी हुई है। बदरीनाथ हाईवे हो या चमोली उखीमठ कुंड हाईवे, ये मार्ग बीते वर्ष आपदा के कारण बदहाल स्थिति में आ गए थे और कई जगहों पर अभी तक वाहनों की चलने के लिए स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। बैजनाथ हाईवे पर चमोली चाड़ा बिरहा चाड़ा , गडोरा, भनेरपानी, पागल नाला और गुलाब कोटी में आपदा के दौरान आए गए मलबे को अभी तक प्रशासन साफ नहीं करवा पाया है। पागल नाला, भनेरपानी और गडोरा में हाईवे के पर पुश्ते क्षतिग्रस्त हैं। नंदप्रयाग के पास प्रथमद्वीप भूस्खलन क्षेत्र में पहाड़ी में रह रहकर भू धंसाव हो रहा है। जोशीमठ से मारवाड़ी और हनुमान चट्टी तक जगह-जगह हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना का कार्य चल रहा है, जिससे हाईवे बदल स्थिति में है। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह अस्थाई शौचालय स्थापित किए जाते हैं जिनका काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इधर एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि बदरीनाथ हाईवे पर जिन जगहों पर चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो गया है वहीं डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। नंदप्रयाग में डामरीकरण कर दिया गया है। मैठाणा में हाईवे का सुधारीकरण पूरा हो गया है, यहां भी जल्द डामर किया जाएगा।

द्वितीय केदार मध्य महेश्वर की यात्रा आगामी माह से शुरू हो जाएगी। सरस्वती नदी पर बनी लकड़ी की पुलिया की मरम्मत अभी तक नहीं की गई है । ऐसे में श्रद्धालुओं को इसी जर्जर पुलिया से होकर गुजरना पड़ेगा।

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