माले: मालदीव भारत विवाद के बाद मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या घटी है, मगर मालदीव की नई सरकार भारत विरोधी रवैये से बाज नहीं आ रही है। इसका कारण है कि भारत से पर्यटकों को संख्या घटने के साथ ही, साल 2024 में मालदीव पहुंचने वाले टूरिस्टों में सबसे बड़ी संख्या चीन की है।
13 फरवरी तक मालदीव पहुंचने वाले चीनी पर्यटकों की संख्या 40,892 है। इसी के साथ मालदीव पहुंचने वाले कुल टूरिस्टों में इनकी हिस्सेदारी 13.9 फीसदी तक पहुंच गई है। वहीं, 13 फरवरी तक मालदीव पहुंचने वाले टूरिस्टों में भारत पांचवे स्थान पर पहुंच गया है। भारत से मालदीव पहुंचने वाले टूरिस्टों की कुल संख्या मात्र 20,903 है, जो कुल मार्केट शेयर का मात्र 7.1% ही है।
मालदीव के टूरिज्म डिपार्टमेंट ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उनके अनुसार, चीनी पर्यटक पहले स्थान पर काबिज हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर रूस का कब्जा है। 2024 में मालदीव पहुंचने वाले रूसी पर्यटकों की कुल संख्या 28,973 है। इस साल के पहले दो महीनों में मालदीव पहुंचने के मामले में इटली के पर्यटकों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। 13 फरवरी तक इटली के 27,552 पर्यटक मालदीव पहुंचे थे। वहीं, चौथे स्थान पर ब्रिटिश पर्यटकों का स्थान है। 13 फरवरी तक मालदीव पहुंचने वाले ब्रिटिश पर्यटकों का आंकड़ा 26,120 था।
इससे स्पष्ट है कि भारत से जाने वाले पर्यटकों को संख्या कम होने के बावजूद चीन, रूस और इटली से आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने से मालदीव भारत विवाद का वो असर मालदीव पर पड़ता नहीं दिख रहा है, जो अधिकांश भारतीय मीडिया में दिखाया जा रहा है। और इसी वजह से मालदीव भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए अड़ा हुआ है।