कुमाऊँ के साथ भेदभाव कर रही मोदी धामी सरकार, अकेले पिथौरागढ़ जिले में करीब चार दर्जन विद्यालय हुए भेदभाव का शिकार : उविपा

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी धामी डबल इंजन की सरकार कुमाऊँ के साथ भेदभाव कर रही है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने आरोप लगाया कि सीमांत एवम चीन से जुड़े संवेदनशील जिले पिथौरागढ़ के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। पिथौरागढ़ के अधिकांश जिला कार्यालय प्रभारी व्यवस्थायों से बाहर नहीं निकल पाये हैं, जिस वजह से विकास योजनाओं पर प्रभाव पड़ा है।

एडवोकेट जोशी ने आरोप लगाया कि कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में शिक्षा व्यवस्था तक चौपट हो रही है, और इस वर्ष हालात इतने खराब हो गए हैं कि स्थानांतरण और सेवानिवृति के बाद  एक दो नहीं पूरे चार दर्जन विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 47 विद्यालयों का शिक्षक विहीन हो जाना मोदी धामी सरकार की कुमाऊं के प्रति भेदभाव को प्रदर्शित करता है।

उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ जिले के 993 प्राथमिक विद्यालयों में 2120 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 608 शिक्षकों के पद पहले से ही रिक्त चल रहे थे, अब स्थानांतरण के साथ ही कुछ शिक्षकों के सेवा निवृत हो जाने के कारण 435 शिक्षक और कम हो गए हैं, जिस कारण गंगोलीहाट, बेरीनाग, धारचूला,  मुनस्यारी, डीडीहाट विकासखंडों में 47 विद्यालय शिक्षकविहीन हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग स्थानांतरण नीति पर जोर देकर भूल गया कि इन 47 विद्यालयों में पठन पाठन का कार्य कैसे होगा और यह संख्या इतनी कम भी नहीं है कि कुछ शिक्षकों को इधर उधर कर काम चला लिया जाय।

उन्होंने कहा कि मोदी धामी सरकार भारत को विश्व गुरु बनाने की बात करती है मगर काम देखकर लगता है कि पाषाण युग में ले जाना चाहती है।

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