मोदी सरकार मतदान स्थलों के चयन में पहाड़ की विषम परिस्थितियों का आंकलन करने में विफल : भंडारी

तपोवन। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मोदी सरकार पर पहाड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के उपाध्यक्ष पूरण सिंह भंडारी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना पहाड़ों के बेहतर विकास के विजन को लेकर की गई थी, मगर मोदी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के पहाड़ी राज्य होने की अवधारणा पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है, जिसकी बानगी चुनाव के समय मतदान प्रतिशत में देखी जा सकती है।

पूरण सिंह भंडारी ने कहा कि मैदानी जिलों में मतदान प्रतिशत पहाड़ी जिलों से लगातार ज्यादा रहा है। मोदी सरकार मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बात तो करती है मगर मतदान केंद्रों को पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से न बना कर मैदानी क्षेत्रों के मानकों में थोड़ा बहुत हेर फेर कर देती है, जिस कारण पहाड़ में कई जगहों पर मतदान स्थल इतनी दूर हो जाते हैं कि लोग मतदान करने का इरादा त्याग देते हैं।

पूरण सिंह भंडारी ने कहा कि जिन इलाकों में पहाड़ों के दूर दराज इलाकों में लोग बसे हुए हैं और वहां आने जाने में विभिन्न परिस्थितियों के कारण सुविधाओं का अभाव है, वहां के लिए मोदी सरकार को चालित मतदान केंद्र बनाने चाहिए , ताकि मतदान प्रतिशत बढ़ सके साथ ही साथ मतदन स्थल में बनाने में निर्धारित मतदाता संख्या को भी दुर्गम इलाकों में आधा किया जाना चाहिए। मतदान स्थल के चिन्हीकरण में उक्त स्थल पर बुजुर्गों और महिलाओं का प्रतिशत को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।  मतदान केंद्रों की पैदल दूरी एक किलोमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

पूरण सिंह भंडारी ने कहा कि जब हर चीज में सरकार आपके द्वार करती है तो मतदान में आपके द्वार एनआर सही निकट आने में क्यों झिझकती है।

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