देहरादून। सेना में जवानों की भर्ती खत्म करके अग्निवीर भर्ती करने के बाद अब मोदी सरकार सैनिक परिवारों को अब तक उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं को भी धीरे धीरे करके खत्म करने जा रही है।
ऐसा ही एक कदम देश के सैन्य अस्पतालों में पुराने आश्रित कार्डों की मान्यता खत्म करके उठाया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में सभी कमांड को आदेश दिया गया है।
इस आदेश में कहा गया है कि अब से सेवा आदेश 74,75 के चले आ रहे डिपेंडेंट कार्ड अस्पतालों में चिकित्सा पात्रता के लिए आश्रित कार्ड के रूप में स्वीकार नहीं किए जायेंगे। इस तरह का आश्रित कर प्रस्तुत करने वाले किसी भी आश्रित को सेना अस्पताल में इलाज से वंचित कर दिया जायेगा।
सेना के जन संपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि सेना के नए डिपेंडेंट कार्ड बनने शुरू हो गए हैं, आश्रित माता पिता की आय यदि नौ हजार रुपए मासिक से ज्यादा है, तो केंद्र सरकार की नई नीति के तहत उनका डिपेंडेंट कार्ड अब नहीं बनेगा।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार जोर का झटका धीरे से लगा रही है, इस हिसाब से बाद में आश्रित कार्ड भी बंद कर सकती है, वैसे भी आने वाले समय में सैनिकों की जगह ठेकेदारी प्रथा के तहत अग्निवीर ही रहेंगे जिनको एक सैनिक को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रखा गया है।