मालदीव में फेल हुई मोदी नीति, भारत विरोधी एजेंडा चला; जीते मुइज्जू समर्थक

माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस संसदीय चुनाव में दो तिहाई से अधिक सीटें जीत ली हैं। पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ये चुनाव उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था। जानकार पीपुल्स नेशनल कांग्रेस की इस जीत को मुइज़्ज़ू की चीन समर्थक और भारत विरोधी नीतियों पर मुहर के तौर पर देख रहे हैं। मुइज़्ज़ू की पार्टी ने मालदीव की 93 सीटों वाली मजलिस में दो तिहाई से अधिक सीटें जीत ली हैं।

जबकि भारत समर्थक MDP को मात्र 12 सीटें हासिल हुई। संसद में बहुमत के लिए 47 से ज्यादा सीटों की जरूरत थी।

भारत और चीन की इस चुनाव पर कड़ी निगाह थी। दोनों रणनीतिक रूप से अहम मालदीव में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। मुइज्जू की पार्टी की जीत के बाद अब मालदीव में आने वाले 5 साल तक चीन समर्थक सरकार रहेगी।

मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी को पिछले संसदीय चुनाव में मात्र 8 सीटें हासिल थीं। इसके चलते राष्ट्रपति होने के बावजूद मुइज्जू न तो अपनी पॉलिसीज के मुताबिक बिल पास करा पा रहे थे और न ही बजट पास करा पाए। अब 71 सीटें जीतने के बाद विपक्षी पार्टी उनके रास्ते में कोई रुकावट पैदा नहीं कर सकेगी।

चुनाव में भारत समर्थक मानी जाने वाली मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) को करारी शिकस्त मिली है। MDP ने 89 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। इनमें से दर्जनभर उम्मीदवारों को ही जीत हासिल हो पाई है।

मुइज्जू भारतीय सैनिकों को देश से निकालने के वादे पर जीते थे। वो इस पर काम भी कर रहे हैं पर संसद इसमें उनकी मदद नहीं कर रही थी। मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव की तरह संसदीय चुनाव में भी भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालने के मुद्दे का सहारा लिया था।

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