नई दिल्ली। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक नीट यूजी 2024 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया अगले आदेश तक टल गई है। पहले काउंसलिंग प्रक्रिया 06 जुलाई यानी शनिवार से शुरू होने की संभावना थी। सूत्रों का कहना है कि यह फैसला नीट यूजी पर 08 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के चलते किया गया है।
नीट यूजी काउंसलिंग करने वाली मेडिकल काउंसिल कमेटी की ओर से हालांकि देरी की वजह नहीं बताई गई है। लेकिन आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसके इस महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार नीट यूजी पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार करना चाहती है। इस दिन नीट से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से पिछले महीने इनकार कर दिया था। विवादों में घिरी नीट यूजी रद्द करने की मांग के बीच केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी एनटीए ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था की गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इसे रद्द करने से प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों और गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
एनटीए सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट यूजी करती है। इस साल 05 मई को हुई परीक्षा में 571 शहरों के 4750 परीक्षा केदो पर करीब 23 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। सूत्रों ने कहा कि कुछ मेडिकल कॉलेज को अनुमति पत्र जारी करने की प्रक्रिया अभी जारी है, और नई सीटें जोड़ी जाएंगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद काउंसलिंग की तिथि घोषित की जाएगी, ताकि नए कॉलेजों की सीट पर पहले चरण में ही प्रवेश सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग इस महीने के अंत में शुरू होने की संभावना है।
नीट यूजी परीक्षा में 76 छात्रों के 720 में से 720 नंबर आने के बाद शुरू हुई हलचल में एनटीए के अधिकारियों के द्वारा जिस तरीके का व्यवहार किया गया और जिस तरीके से ग्रेस मार्क की प्रक्रिया अपनाई गई,उससे स्पष्ट होता है कि संपूर्ण प्रक्रिया में ही खामी है और जिसके बारे में एनटीए के शीर्ष स्तर को पहले से ही पता है और यही वजह रही कि बवाल बढ़ने के साथ ही एनटीए के महानिदेशक को मोदी सरकार को हटाना पड़ा। उसके बावजूद अगर मोदी सरकार नीट यूजी की परीक्षा रद्द नहीं करवा रही है, तो इसका मतलब यह है कि मोदी सरकार किसी दबाव की वजह से नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं करवा रही है, जबकि नीट पीजी की परीक्षा होने से पहले ही, लीक होने की बात होते ही मोदी सरकार ने उसे परीक्षा को रद्द कर दिया था।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि एनटीए के गठन के समय से ही इस पर उंगलियां उठती रही है। मगर मोदी सरकार की हिटलर शाही ने इस देश के विकास में अवरोध ही खड़ा किया है और युवाओं के साथ मोदी सरकार लगातार खिलवाड़ कर रही है। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि 05 मई को ही पटना में नीट यूजी परीक्षा घोटाले की एफआईआर दर्ज हो चुकी थी और उसके बाद गोधरा में दर्ज हुई। इसके बावजूद एनटीए के अधिकारी लगातार यह कहते रहे कि कोई घोटाले के सबूत नहीं मिले हैं। यहां तक की शिक्षा मंत्री का झूठ बोलना भी यह बताता है कि इस परीक्षा की गड़बड़ी में मोदी सरकार की कहीं ना कहीं संलिप्त है और वह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है । उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस्तीफा की भी मांग की।