कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि राजनैतिक दल सैनिकों से वोट मांगने के लिए ऐसा माहौल पैदा करते हैं कि, सैनिकों के हितों का उनसे बड़ा हितैषी कोई नहीं है, मगर राजनैतिक धरातल के प्रथम तल पर ही जब सैनिक बहुल राज्य में भी पूर्व सैनिक को एक टिकट तक नहीं दिया जाता है, तब स्पष्ट हो जाता है कि, बड़े राजनैतिक दलों को सैनिकों के हितों से वास्तव में कोई मतलब नहीं है।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सह सचिव व पूर्व फौजी हरीश आरोप लगाया कि सैनिकों के हितों की बात करने वाले दल जब सैनिक बहुल राज्य की पांच लोकसभा सीटों में एक भी सीट पूर्व सैनिक को नहीं देते हैं और
सूबे की तीन राज्यसभा सीटों में से एक सीट भी पूर्व फौजी को नहीं देते हैं तो स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्रीय दलों के असली एजेंडे में एक सैनिक की क्या स्थिति है।
हरीश ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस मात्र वोट के लिए खुद को सैनिकों की हितों की पार्टी बताते हैं, मगर वास्तव में है इसका उलट।
उन्होंने कहा कि राज्य की सात सीटों में दो सीटों पर सैनिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए, ताकि सैनिक बहुल राज्य में सैनिकों और अर्ध सैनिक बलों के हितों की पैरवी ढंग से हो सके।