मोदी सरकार की पहाड़ विरोधी नीति से तबाह हो रहा है पहाड़ : उविपा

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने मोदी धामी डबल इंजन सरकार पर पहाड़ विरोधी होने का आरोप लगाया। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार न केवल पहाड़ विरोधी है वरन उत्तराखण्ड के पहाड़ों के विकास में पूरी तरफ फेल हो चुकी है।

मुजीब नैथानी ने कहा कि इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह हुई बारिश ने तबाही इस लिए मचाई क्योंकि मोदी धामी सरकार पर्यावरण के विपरीत निर्माण कार्यों को कर रही है, बाहरी प्रदेशों के ठेकेदार और कंपनियों को पहाड़ के विकास से कोई मतलब नहीं है, वे केवल येन केन प्रकारेंण ठेका पूरा करने में ध्यान देते हैं इस लिए भले मोदी धामी सरकार उनके कार्यों की गुणवत्ता पर मोहर लगा देती हो मगर प्रकृति उनके कार्यों की पोल खोल देती है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल आई बारिश में छतिग्रस्त हुए निर्माण एक साल बाद तक भी करोड़ों रुपए लगने के बावजूद ठीक नहीं हो पाये हैं, कोटद्वार मालन नदी में गिरा खंबा इसका जीता जागता उदाहरण है।

उन्होंने बताया कि सिलक्यारा प्रकरण में जिन स्थानीय लोगों ने आपदा में अपनी सेवायें दीं उनकी मजदूरी का भुगतान तक अभी तक नहीं किया गया है, और सरकार ने कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही की हो ऐसा संज्ञान में नहीं है। उन्होंने होटल और टैक्सी आदि सेवा देने वालों का शीघ्र भुगतान किये जाने की मांग भी की। केदारनाथ घाटी प्रकरण पर आज तक मोदी सरकार ने सीख नहीं ली है और अपनी जिद से पहाड़ों को उजाड़ने में लगी है।

उन्होंने कहा कि आपदा में ज्यादा क्षति इस लिए ही रही है क्योंकि निर्माणदायी संस्थायें नियम अनुसार काम नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि  पहाड़ों में सड़कें बनाने में इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा निर्धारित किए गए मानकों को ताक पर रख कर काम किया जा रहा है, और कट फिल माध्यम से सड़कें नहीं बनाई जा रही हैं, जिस वजह से पहाड़ की अनावश्यक कटिंग हो रही है और उस कटिंग के दुष्प्रभाव को रोकने के कोई भी उपाय न किए जाने के कारण बरसात में पहाड़ के ऊपर अटके पत्थर और पहाड़ नीचे आ रहे हैं।

 

 

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