पटेल का इस्तीफा भारतीय लोकतंत्र से खिलवाड़: उविपा

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने राज्यसभा में 2022 से 2028 तक की अपनी सांसदी से इस्तीफा दे दिया गया है। हाल ही में वे 2024 से 2030 तक की राज्यसभा सांसदी के लिए चुने गए हैं।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने इस मामले को लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताया। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती हैं, और लोकतंत्र के नाम पर तथाकथित कुछ ही लोगों का कब्जा संसद में रहने देना चाहती हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रफुल्ल पटेल जब 2028 तक राज्यसभा के सांसद पहले से ही थे, तो 2024 में महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए उन्हें नामित करने की क्या जरूरत थी? एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि अजित पवार गुट के किसी और नेता को राज्यसभा का सदस्य बनाया जा सकता था। मगर मात्र 02 साल पहले जो कार्यकाल समाप्त हो रहा हो, उसे 02 साल के लिए लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, और सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने अफसोस जताया कि प्रमुख विपक्षी दल ऐसे मामलों पर चुप रहते हैं, जिससे लोकतंत्र की लोकतांत्रिक भावनाओं को क्षति होती है। एडवोकेट जोशी ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लोकतंत्र को जो क्षति पहुंचाई गई है, उसको पूरे देश ने देखा है। उन्होंने कहा कि सरकारें आती जाती रहती है मगर लोकतंत्र बचा रहना चाहिए।

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