कोटद्वार। शनिवार को श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय पौड़ी श्री लोकेश्वर सिंह द्वारा आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को निर्विघ्न, पारदर्शी, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण वातावरण में सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु कोतवाली कोटद्वार में पहुँचकर अधीनस्थ पुलिस कार्मिकों की बैठक लेने के साथ-साथ अन्तर्जनपदीय बैरियर,चैक पोस्टों व एसएसटी आदि का स्थलीय निरीक्षण किया गया। साथ ही कप्तान द्वारा कोतवाली कोटद्वार के अतिरिक्त पुलिस की अन्य शाखाओं जैसे साइबर सैल, सीआईयू,कंट्रोल रूम आदि का भी निरीक्षण किया गया।
अधीनस्थ कर्मियों द्वारा कप्तान को अवगत कराया गया कि कस्बा कोटद्वार गढ़वाल का द्वार कहा जाने वाला एक घनी मिश्रित आबादी वाला व्यस्ततम शहर है। विभिन्न गतिविधियों के अतिरिक्त आपराधिक गतिविधियों के दृष्टिगत यह शहर अत्यन्त संवेदनशील है चुनाव के दृष्टिगत इसकी संवेदनशीलता और भी बढ़ जाती है। जिसके दृष्टिगत प्रत्येक संदिग्ध/बाहरी व्यक्ति का भौतिक सत्यापन करने के साथ-साथ इन पर कड़ी नजर रखना नितान्त आवश्यक है। इस पर कप्तान लोकेश्वर सिंह द्वारा सक्रिय अपराधी एवं अराजक तत्वों के विरूद्ध प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही करने हेतु क्षेत्राधिकारी कोटद्वार एवं प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार को निर्देशित किया गया।
पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ पत्रकार शराफत अली द्वारा शिकायत की गई कि कप्तान उनका फोन नहीं उठा रहे हैं, इस पर कप्तान ने अवगत कराया कि लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के कारण मीटिंग के दौरान यदि फोन आता है तो उस समय फोन उठाना मुश्किल होता है। बाकी उनका फोन जनता के लिए हर समय खुला है।
पार्षद विपिन डोबरियाल द्वारा कप्तान को शिकायत की गई कि महीना भर हो गया है, मगर उपजिलाधिकारी कोटद्वार के आदेश पर भी कोटद्वार पुलिस राजस्व उपनिरीक्षक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है। ऐसे में जब सरकारी अधिकारियों को ही थाने में टहलाया जा रहा है, तब आम आदमी की शिकायत पर कोटद्वार थाने में क्या कार्यवाही होती होगी, यह गौर करने वाली बात है। उक्त प्रकरण में कुछ लोगों ने सरकारी भूमि की रजिस्ट्री कर मकान बनवा लिया व उक्त फर्जी कागजों के आधार पर उपजिलाधिकारी कोटद्वार कार्यालय से लाखों रुपयों की हैसियत बनावा कर खनन पट्टा हासिल कर लिया था। पार्षद विपिन डोबरियाल द्वारा इसकी शिकायत की गई थी, जॉच के बाद उपजिलाधिकारी कोटद्वार द्वारा राजस्व उपनिरीक्षक पट्टी सुखरो को मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए थे, मगर थाना में रपट लिखने की बजाय राजस्व उपनिरीक्षक को ही रपटा दिया जा रहा था। जिसकी लिखित शिकायत राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा उपजिलाधिकारी कोटद्वार को की गई है, जिसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि थाना कोटद्वार द्वारा मेरे प्रार्थना पत्र पर विधिक कार्यवाही किए जाने में आनाकानी की जा रही है, तथा आतिथि तक उक्त व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। तथा मेरे द्वारा थाना कोटद्वार को प्रस्तुत प्रार्थना पत्र मूल रूप में वापस कर दिया गया है।
कप्तान ने फिलहाल मामला थाना कोतवाली से बदल कर सायबर सैल को दे दिया है।
उक्त गोष्ठी में श्रीमती जया बलोनी अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार, श्री विभव सैनी क्षेत्राधिकारी कोटद्वार, श्री मणिभूषण श्रीवास्तव प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार आदि अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।