राजन मिश्रा का एक दिन विक्टोरिया क्रॉस विजेता दरबान सिंह के गाँव में

काफरतीर। विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी जी के घर काफ़रतीर पत्रकार राजन मिश्रा जाना हुआ। जहां उनकी मुलाक़ात 90 वर्षीय बहादुर सिंह नेगी जी से हुई। बहादुर सिंह नेगी विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी जी के गाँव के रिश्ते में छोटे भाई हैं।

उन्होंने दरवान सिंह नेगी जी को अपने जीवन में 20 वर्ष की आयु तक बहुत क़रीब से देखा। प्रथम विश्व युद्ध में फ़तह हासिल कर दरवान सिंह नेगी जब अपने गांव आए तो उन्होंने अपना ये घर बनवाया था। इस घर को सौ साल से ज़्यादा हो चुके हैं। जॉर्ज पंचम ने उस वक़्त युद्धक्षेत्र में मौक़े पर जाकर दरवान सिंह नेगी को तब के सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रॉस से नवाज़ा था। 

राजन मिश्रा दरबान सिंह नेगी के घर पर उनके रिश्ते के भाई के साथ

 

दरवान सिंह नेगी जिस कमरे में रहते थे वहाँ आज भी विस्तार के ऊपर जॉर्ज पंचम की तस्वीर है। वो तस्वीर दरवान सिंह जी प्रथम विश्व युद्ध के बाद घर लौटने पर अपने साथ लेकर आए थे।

कुछ समय पहले तक जॉर्ज पंचम की तस्वीर के नीचे विक्टोरिया क्रॉस का प्रशस्ति पत्र भी मौजूद था। जिसे कुछ दिन पहले दरवान सिंह नेगी जी के बेटे यहाँ से लेकर चले गए हैं।

हमेशा से लैंसडाउन में विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी जी की कई तस्वीरें गढ़वाल रेजिमेंट सेंटर में देखी और आज जब उनके घर में उनसे जुड़े क़िस्से कहानियां सुनने का मौक़ा मिला तो वो पल रोंगटे खड़े करने वाला था। जिस घर को उन्होंने बनाया वो आज भी वैसे का वैसा ही है। ये घर अपने आप में एक संग्रहालय है।

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