मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में आखिरकार फैसले की घड़ी आ गई है। फैसला घटना से तीस साल बाद आ रहा है।शुक्रवार को सीबीआई बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में अपर जिला एवम सत्र न्यायालय संख्या – 7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह सुनवाई पर फैसला करेंगे।
मिलाप सिंह प्रकरण की पत्रावली में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस मामले में पीएसी के सिपाही मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप पर मुकदमा चल रहा था। दोनों अभियुक्तों पर पीड़िता के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म का मुकदमा चल रहा था। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए थे।
यह घटना एक अक्टूबर 1994 की रात की है, जब अलग उत्तराखण्ड राज्य की मांग को लेकर आंदोलनकारी देहरादून से नई दिल्ली जा रहे थे। देर रात मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे में आंदोलनकारियों की बसों को रोक लिया गया था। और जबरदस्ती फायरिंग में सात आंदोलनकारी शहीद हो गए थे।