पिथौरागढ़। रामदेव की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रामदेव अपनी बेबाकी में बहुत कुछ बोल जाते थे, मगर उनका बुलंद सितारा उन्हें और बुलंदियों पर पहुँचा देता था। मगर अभी हाल के कुछ दिनों से रामदेव और बालकृष्ण की किस्मत साथ नहीं दे रही। शीर्ष न्यायालय से फटकार, व्यक्तिगत पेशी के साथ- साथ माफीनामे को बड़े विज्ञापन की तरह छपवाना भी काम नहीं आ रहा है। उत्तराखण्ड में उनके सात उत्पाद प्रतिबंधित कर दिए गए, भले ही इस पर सचिव पांडेय द्वारा रोक लगा दी गई हो, मगर शीर्ष न्यायालय ने उक्त उत्पादों को दुकानों से हटाने के लिए की गई कार्यवाही का विवरण मांगा है, ऐसे में जैसी गाज उत्तराखण्ड औषधि विभाग पर गिरी, वैसा ही कुछ भविष्य में देखने को मिल सकता है।
उधर पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पंतजलि की सोन पापड़ी का सैंपल परीक्षण में फेल होने के कारण पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एक सहायक प्रबंधक सहित तीन लोगों को जेल की सजा के साथ साथ जुर्माना भी लगाया गया है।
17 अक्टूबर 2019 को औचक निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा निरीक्षक द्वारा पिथौरागढ़ के बेरीनाग के मुख्य बाजार में लीलाधर पाठक की दुकान से पतंजलि की सोन पापड़ी के उत्पाद पर संदेह होने की स्थिति में उसके नमूने सील कर परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजे गए। जिला उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में राज्य खाद्य एवम औषधि प्रयोगशाला में उक्त नमूने परीक्षण में खाने योग्य नहीं पाए गए। इसपर व्यवसायी लीलाधर पाठक, वितरक कान्हा ट्रेडर्स रामनगर के अजय जोशी और पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ मामले दर्ज किए गए।
सुनवाई के बाद अदालत ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत तीनों को क्रमश: छह महीने की कैद और 5 हजार, 10 हजार और 25 हजार क्रमश: की सजा सुनाई।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट मैनेजर समेत तीन को छह माह की कै