स्वतंत्रता सेनानी के गाँव को आज भी है सड़क का इंतजार, बच्चे हों या बीमार सब हैं पैदल चलने को लाचार

कोटद्वार। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर सिंह भंडारी का पैतृक गांव सौड़ जो कि ब्लॉक ब्लॉक द्वारीखाल में आता है, आज तक भी सड़क सुविधा से महरूम है। इस गांव की स्थिति यह है कि गांव वालों को डेढ़ किलोमीटर जंगल के रास्ते से पैदल चलना पड़ता है, तब जाकर वे मुख्य सड़क पर आ पाते हैं।

04 साल पहले इस गांव के लिए 02 किलोमीटर सड़क को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई थी, मगर 04 सालों में उक्त सड़क निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति आज तक नहीं मिल पाई है।

सौड ग्राम के निवासी गौरव सुयाल, संग्राम सिंह भंडारी,भारत भंडारी, सुलोचना देवी, सच्चिदानंद सुयाल, आशीष सुयाल, मदन सुयाल, जसोदा देवी, नीरज सुयाल, अनुज सुयाल आदि ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर सिंह भंडारी ने सेना में रहकर देश की सेवा की और बाद में देश को आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया।

वर्तमान में गांव में 35 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों की मांग पर शासन ने 2020 में गांव तक 02 किलोमीटर बिरमोली सुराडी सड़क निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की थी। इसकी कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग दुगड्डा है। दुगड्डा लोक निर्माण विभाग दुगड्डा ने सड़क निर्माण के लिए सर्वे भी कर लिया था, लेकिन शासन द्वारा आज तक उक्त सड़क को वित्तीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।

सड़क न बनने से सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं, बीमार लोगों, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को हो रही है। गांव से बच्चों को पढ़ने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर जीआईसी चाक्युसैंण जाना पड़ता है। बीच जंगल से रास्ता होने की वजह से वन्य जीवों के हमले का खतरा बढ़ने लगा है।

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