चमोली/पौड़ी। अंकिता हत्याकांड में भाजपा शासन पर लगातार उंगलियां उठती रही है। भाजपा शासन प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं, कि वह दोषियों को बचाने का प्रयत्न कर रही है।
इस प्रकरण में अब एक नया मोड़ आ चुका है। प्रकरण के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने चमोली जेल से अदालत में यह प्रार्थना पत्र दिया है कि कोटद्वार न्यायालय से उसे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। अपने पत्र में उसने लिखा कि 20 अप्रैल 2022 को अदालत में खुशराज द्वारा स्वयं को अभिनव कश्यप का भाई बताते हुए गवाही दी गई। जबकि वास्तव में पुलिस ने एक महिला को पुरुष के वेश में खुशराज बताकर असली पहचान छुपा कर उसकी गवाही कराई। अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बोलने का मौका नहीं दिया गया। पुलकित आर्य ने न्यायालय परिसर में आते-जाते अंकिता के पिता पर पुलकित पर अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया है।
पुलकित ने आरोप लगाया कि उसके रिजॉर्ट को तोड़ने वालों और आग लगाने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की
पत्र में पुलकित आर्य ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में पुलकित पर हमला किया गया। पुलकित की फैक्ट्री में आग लगवाई गई। अंकिता का कमरा तोड़कर साक्ष्य को नष्ट किया गया। मगर साक्ष्य नष्ट करने वालों के खिलाफ शासन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। अभी तक यह आरोप केवल अंकिता भंडारी के परिजन लगाते रहे कि भाजपा विधायक और प्रशासन के द्वारा साक्ष्य नष्ट करने के लिए पुलकित आर्य के रिसोर्ट में अंकिता भंडारी के कमरे को तोड़ा गया और फैक्ट्री में आग लगाई गई।
मगर अब पुलकित आर्य के इस आरोप के बाद कि उसके रिजॉर्ट को तोड़ा गया उसमें आग लगाई गई, भाजपा सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है, क्योंकि अब दोनों ही पक्ष एक ही आरोप लगा रहे हैं।
अदालत में जेसीबी ऑपरेटर तक ने गवाही दी कि किसके कहने पर कमरा तोड़ा गया, मगर भाजपा सरकार द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
महीनों से बंद पड़ी फैक्ट्री में भी रहस्यमायी ढंग से आग लगने की घटना ने मामले की संदिग्धता को बढ़ा दिया था।