शिक्षकों के पद खाली, अतिथि शिक्षक भी नहीं मिल रहे, शिक्षा मंत्री स्थानांतरण आदेश बांटने में व्यस्त: उविपा

पौड़ी। गढ़वाल जिले में इस वित्तीय वर्ष भी शिक्षा विभाग को शत प्रतिशत अतिथि शिक्षक नहीं मिल पाए। शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों की भर्ती को लेकर तीन से चार बार काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित कर चुका है, बावजूद इसके जिले में अतिथि शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियाँ नहीं हो सकी हैं।

जिले के विभिन्न विद्यालयों में आज भी 209 अतिथि शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। जिनमें अधिकांश कला वर्ग के हैं। जबकि जिले में 696 अतिथि शिक्षकों को तैनात किया जाना था। लेकिन 490 ही कार्यरत हैं। वहीं जिले के विभिन्न विकासखंडों में 47 राजकीय बालिका इंटर कालेजों में महज 13 अतिथि शिक्षक ही तैनात हो पाए हैं। यहां भी 73 फीसदी पद खाली चल रहे हैं।

जिले में अतिथि शिक्षकों के सर्वाधिक 68 फीसदी पदों पर कला वर्ग के अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि 34 फीसदी विज्ञान वर्ग के विषयों पर तैनात हैं। कार्यरत अतिथि शिक्षकों में भी 333 कला व 157 विज्ञान वर्ग में शामिल हैं।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री मात्र प्रचार का कार्य कर रहे हैं और स्थानांतरण जैसे सामान्य कार्य को भी विशेष अवसर बता कर खुद स्थानांतरण का समारोह आयोजित कर रहे हैं। उत्तराखण्ड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चन्द्र जोशी ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है जिस कारण आम ग्रामीण और शहरी नागरिक के बीच विभेद बढ़ रहा है। जब आज शिक्षा का सर्वाधिक महत्व है तब गरीब आदमी से शिक्षा दूर हो रही है क्योंकि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है और निजी विद्यालयों में गरीब आदमी अपने बच्चे नहीं पढ़ा सकता है। 

एडवोकेट जोशी ने कहा कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती न हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके जिम्मेदार हम हैं जो लगातार अयोग्य जनप्रतिनिधि चुन रहे हैं।

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