नहीं सुधर रहे थे कोटद्वार नगर निगम के हालात, जिलाधिकारी आशीष चौहान ने आखिर ऐसा क्या किया कि लोग करने लगे तारीफ!

कोटद्वार। नये आयुक्त वैभव गुप्ता के आने के बाद शुरू में ऐसा लगा था कि वो अपने पूर्ववर्ती किशन सिंह नेगी के द्वारा किए जा रहे सुधारीकरण और अतिक्रमण हटाओ अभियान को जारी रखेंगे, मगर अफसोस कि नये नगर आयुक्त के आने के बाद किशन सिंह नेगी द्वारा किए गए सुधारीकरण कार्यक्रम धीरे धीरे बंद होते गए और निगम अपने पुराने ढर्रे पर वापस आ खड़ा हुआ।

नगर निगम कोटद्वार में आखिरकार लापरवाही की गाज कोटद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त वैभव गुप्ता पर गिर ही गई। पूर्व नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी द्वारा कोटद्वार की व्यवस्था को ठीक करने की कोशिश की जा रही थी, जिस वजह से व्यापारियों के साथ नगर निगम के कर्मचारियों का टकराव बढ़ रहा था। यहाँ तक कि नगर की साफ सफाई के मामले में टकराव इतना बढ़ा था कि नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी द्वारा व्यवसायियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई थी। किशन सिंह नेगी ने पॉलिथीन प्लास्टिक के विरुद्ध एक अभियान छेड़ दिया था, जिससे नगरवासी तो खुश थे, नगर व्यापारियों का एक विशेष वर्ग जिसकी रोजी रोटी प्लास्टिक पॉलिथीन से जुड़ी थी वो नाराज था। फैक्ट्री वाले भी अपना वेस्ट मटेरियल नदियों में फेंक रहे थे। 

लिहाजा नगर आयुक्त नगर निगम किशन सिंह नेगी का तबादला कोटद्वार से कर दिया गया। नये नगर आयुक्त वैभव गुप्ता द्वारा अतिक्रमण समेत करीब सभी मामलों में बहुत ही ज्यादा लचीला रुख दिखाया जा रहा था, जिससे जिलाधिकारी गढ़वाल आशीष चौहान ने उनको चेतावनी देते हुए उनका वेतन आहरण भी कुछ समय के लिए रुकवा दिया था।

तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त अजगर अली का स्थानांतरण होने के बाद जिस तरह से उनसे सरकारी आवास खाली कराया गया, उससे भी नगरवासियों में यह संकेत गया कि नगर निगम कोटद्वार में प्रशासन में भी कुछ ठीक नहीं चल रहा।

कोटद्वार नगर निगम की जो व्यवस्थायें किशन सिंह नेगी ढर्रे पर ले आए थे, वैभव गुप्ता के आने के बाद ढर्रे से उतरनी चालू हो गई थीं । हाई कोर्ट की डबल बेंच के आदेश का पालन तक वैभव गुप्ता द्वारा नहीं किया गया और नगर निगम क्षेत्र में बिना नक्शा अवैध निर्माण होते रहे और नगर निगम आँखे मूंदे बैठा रहा। और लोग निगम की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण करते रहे।

व्यवस्थाओं के चरमराने के बाद कोटद्वार में कूड़े के ढेर दिखने लगे थे, जिसपर गौवंश कूड़े में मौजूद पॉलिथीन भी खा रहे थे। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अंधवॉल भी इस मामले को सुलझा पाने में असमर्थ सिद्ध हुए।

अब जिलाधिकारी गढ़वाल आशीष चौहान ने निदेशक शहरी विकास को नगर आयुक्त वैभव गुप्ता के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने हेतु पत्र लिख दिया है। जिससे जिलाधिकारी आशीष चौहान की कड़क मिजाजी की तारीफ कोटद्वार की आम जनता द्वारा की जा रही है।

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