अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने टीआरपी गेम जोन में आग लनगे के मामले में राजकोट नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि उसे राज्य प्रशासन पर भरोसा नहीं रहा, जो निर्दोष लोगों की जान लेने के बाद कार्रवाई करता है।
नगर निगम के वकील के यह बताने पर की टीआरपी गेम जोन ने आवश्यक अनुमति नहीं मांगी थी, अदालत ने सख्ती से पूछा कि क्या नगर निगम ने ऐसी बड़ी संरचनाओं के निर्माण को लेकर आंखें मूंदी हुई हैं।
नगर निगम के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए तत्काल निवारक और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है। राज्य सरकार को किसी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के लिए आगे आना होगा और इसके लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। इस पर पीठ ने कहा कि कौन उठायेगा ? ईमानदारी से कहें तो अब हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं रहा। कोर्ट के आदेशों के चार साल बाद, उनके आश्वासन के बाद, यह छठी दुर्घटना है। वे सिर्फ यही चाहते हैं कि जान चली जाए और फिर मशीनरी चालू कर दें। हाई कोर्ट ने त्रासदी के लिए 2021 में गेम जोन खुलने के बाद के सभी नगर आयुक्तों को जिम्मेदार मान, सभी नगर आयुक्तों से शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य में भी बड़े पैमाने पर प्रशासन की शाह पर अवैध निर्माण हो रहे हैं, हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद भाजपा शासन के दबाव में अधिकारी अवैध निर्माणों पर नियम संवत कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, और किसी दुर्घटना के बाद आंखें खोले जाने का इंतजार कर रहे हैं।