देश के नाम पर जान दे देंगे कहने वालों के, जमीन देश के नाम करने मात्र में प्राण जाने लगे: उविपा

कोटद्वार। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने विरासत टैक्स को लेकर भाजपा द्वारा की जा रही बयानबाजी को  बेतुका बताया और कहा कि देश के नाम पर जान दे देने का दावा करने वालों की थोड़ी सी संपति देश के नाम करने की चर्चा भर शुरू होते ही इनके प्राण जाने लगे हैं, तब समझा जा सकता है कि ये देश के नाम क्या दे सकते हैं, जान तो कतई नहीं दे सकते हैं।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने हालिया चुनावों में कांग्रेस के सुझाव का स्वागत किया और कहा कि गढ़वाली और कुमाऊनी देश के जान तक न्यौछावर कर देते हैं, और देश के अरबपति इस देश की ही संपति का कुछ हिस्सा देश के नाम करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने बोला कि भाजपा स्पष्ट करे कि वो देश के साथ है या इस देश की संपति पर कब्जा किए अरबपतियों के साथ। उन्होंने कहा कि देश में आम नागरिकों के बीच बढ़ रही आर्थिक विषमता को दूर करने का यह एकमात्र उपाय है, आज देश के दस प्रतिशत उच्च धनाढ्य लोगों के पास देश की 45% संपति है, और देश की 90% जनसंख्या मात्र 55% संपति पर रहने को मजबूर है। ऐसे में विरासत टैक्स के रूप में सरकारें देश के नागरिकों के बीच बढ़ रही असमानता का सामना करने सक्षम हो सकती है, नहीं तो आने वाले समय में यह विषमता कई भयानक कारणों को जन्म देंगी।

मुजीब नैथानी ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है और इस देश के लिए हमारे अनेकानेक वीर भड़ों ने जान तक न्यौछावर कर दी है, ऐसे में देश के लिए अरबपतियों की कुछ संपति देश के नाम हो जाने के मामले में भाजपा विधवा विलाप क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि माननीय शीर्ष न्यायालय ने भी स्पष्ट किया है कि देश के नाम पर संपति का अधिग्रहण किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि देश सर्वोपरि है, देश है तो दल है, नेता हैं। अगर देश का एक नागरिक देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देता है, तो अन्य नागरिक थोड़ा सा योगदान देने में क्यों रो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का विलाप हमारी सेनाओं के मनोबल पर विपरीत असर डालेगा, जो देश की रक्षा के लिए अपनी जान हथेली में लेकर सीमाओं पर पहरा दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *