यूपी में गिरा निर्माणाधीन पुल, चंदा मामा पार्टी पर लगे जरूरत से ज्यादा कमीशन खाने के आरोप

बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर क्षेत्र के गांव माजरा माली की मडैया में 83 करोड़ की लागत से गंगा नदी पर बनाए जा रहे पुल के तीन बीम बीच से टूटकर गिर गए। बताया जा रहा है कि दो बीम टूटकर नीचे गिर गए, जबकि एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया। हादसे में किसी को चोट नहीं आई है।

बुलंदशहर और अमरोहा को जोड़ने के लिए क्षेत्र के माजरा माली की मडैया में गंगा नदी पर 83 करोड़ से निर्माणाधीन पुल के बीम अचानक नीचे गिर गए और एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया। बीम गिरने की आवाज पर मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने गिरे बीम को जेसीबी की मदद से रेती में दबाने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर पहुंचे लोगों ने कर्मचारियों को कार्य करने से रोक दिया और अधिकारियों को सूचना दी। 

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण आए दिन कार्यदायी संस्था एडिकोन के अधिकारी और कर्मचारी लगातार दोयम दर्जे की सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। बार-बार शिकायत के बाद भी न तो सामग्री की गुणवत्ता में सुधार हुआ और न ही किसी अधिकारी पर कार्रवाई की गई। सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही की स्थिति यह है कि पुल के लिए बीम कास्ट कर दिए गए, लेकिन इसकी मजबूती और सामग्री की गुणवत्ता की जांच भी नहीं कराई गई। बीम में लगाई गई सामग्री की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी बीम पर न तो स्लैब कास्ट की गई थी और न ही अन्य कोई लोड था, इसके बाद भी बीम बीच में से ही टूट गया।

 

निर्माणाधीन पुल के बीम गिरने की सूचना पर विधायक देवेंद्र लोधी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का तो दावा करने लगे, लेकिन लोगों ने आरोप लगाया कि पूर्व में शिकायत के बाद भी सामग्री की गुणवत्ता में सुधार के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया। करीब एक साल पहले भी पुल के पिलर में दरार आ गई थी, इस पर कई बार लोगों ने हंगामा करते हुए उच्च गुणवत्ता से कार्य कराने के मांग की थी। इसके बाद अधिकारियों ने जांच कराने के लिए आईआईटी के विशेषज्ञ प्रोफेसर को भी बुलाया, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया गया।
गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के बीम टूटने के मामले में अब अधिकारी दैवीय आपदा के सहारे खुद को बचाने में लगे हैं। शुक्रवार देर शाम बिजली कड़कने और मौसम खराब होने का हवाला दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब न तो आंधी-तूफान और न ही तेज बारिश हुई तो दैवीय आपदा कैसे आई। इसके अलावा पहले ही जमीन पर कास्ट किए गए बीम को ऊपर सेट करने के बाद यदि बारिश और आंधी भी आई तो कैसे बीम इसे सहन नहीं कर सका।
उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि चंदा मामा पार्टी के राज में ठेकेदारों से इतना ज्यादा चंदा ले लिया जा रहा है कि अब पुल का बने रहना भी मुश्किल हो गया है। कोटद्वार में पहले सुखरो नदी पर बने पुल का पिलर धंस गया था और मालन नदी में पुल भी ऐसे ही गिर गया। पार्टी का मानना है कि चंदा मामा पार्टी सांप्रदायिक बातों के आड़ में भ्रष्टाचार छिपा रही है।
 

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